झारखंड की स्टार महिला हॉकी खिलाड़ी और भारतीय हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे को अर्जुन अवार्ड से नवाजा जाएगा। 17 जनवरी को उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। सलीमा झारखंड की पहली महिला और दूसरी हॉकी खिलाड़ी हैं, जिन्हें अर्जुन अवार्ड दिया जाएगा। इससे पहले 1972 में ओलंपियन स्व. माइकल किंडो को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जबकि, सिलवानुस डुंगडुंग और सुमराय टेटे को मेजर ध्यानचंद अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह ने कहा कि यह पल झारखंड और हॉकी से जुड़े हुए सदस्यों के लिए सम्मान का है। जानिए सलीमा के अर्जुन अवार्ड तक का सफर
सिमडेगा के सदर प्रखंड के गांव बड़की छापर में पली-बढ़ी सलीमा का बचपन अभाव में बीता। बांस से बनी स्टिक से हॉकी की शुरुआत हुई। पिता सुलक्षण टेटे और मां सुभानी टेटे किसान हैं। सलीमा के पिता भी हॉकी खिलाड़ी रह चुके हैं। इसका फायदा उन्हें मिला और पिता के रूप में ही आरंभिक कोच मिल गया था। वे सलीमा को जिले में होनेवाली लठ्ठाखम्हन प्रतियोगिता में खेलने के लिए पहली बार 2011 में ले गए थे। सलीमा ने बेस्ट खिलाड़ी का पुरस्कार जीता। इसी दौरान गांव में हॉकी को प्रमोट करनेवाले तत्कालीन हॉकी सिमडेगा के संयुक्त सचिव मनोज कोनबेगी की नजर सलीमा पर गई। और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2016 में पहली बार जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम में चुनी गईं
एक-दो साल तक सलीमा का चयन सिमडेगा के हॉकी आवसीय सेंटर में नहीं हो पाया। पर, वह निराश नहीं हुई। उसी कैंपस में दूसरे हॉस्टल में रहने लगी। घर से लकड़ी लाकर खुद खाना बनाती थी। फिर, आवासीय सेंटर के खिलाड़ियों के साथ प्रैक्टिस करती थी। उनकी प्रतिभा व मेहनत को देखते हुए उनको 2013 में आवासीय सेंटर शामिल किया गया। दो माह के अंदर ही सलीमा ने एसजीएफआई की राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए झारखंड टीम में जगह बना ली। 2014 में भी सब जूनियर झारखंड टीम में चुनी गईं। 2016 में पहली बार जूनियर भारतीय महिला हॉकी टीम में चुनी गई और स्पेन दौरे पर गईं। 2016 में ही बैंकॉक में आयोजित अंडर-18 एशिया कप के लिए जूनियर भारतीय महिला टीम की उपकप्तान बनाई गईं। टीम ने कांस्य पदक जीता। 2016 नवंबर सलीमा का चयन सीनियर टीम में हुआ और वह आस्ट्रेलिया दौरे पर गईं। सलीमा को 2018 में हुए यूथ ओलंपिक से बड़ी पहचान मिली। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने इस प्रतियोगिता में रजत पदक जीता था। 2024 भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान बनाईं गईं। सलीमा बोलीं- मेरी उपलब्धि का श्रेय माता-पिता और पूरी टीम को
चंडीगढ़ कैंप में प्रैक्टिस कर रही थी, तभी साथी खिलाड़ी ने अर्जुन अवार्ड मिलने की जानकारी दी। सबसे पहले मैं माता-पिता को सूचना देना चाहती थी। पर, मेरे फोन करने से पहले ही उनका कॉल आ गया। वे काफी खुश थे। मैं इस अवार्ड का श्रेय माता-पिता और अपनी टीम को दूंगी। उन्होंने हर परिस्थिति में हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया। मेरी इस उपलब्धि में टीम का पूरा सहयोग रहा है। सभी को धन्यवाद।