गोपालगंज के मीरगंज थाना क्षेत्र में हुए रिटायर्ड फौजी सतेंद्र सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि इस हत्याकांड का मुख्य उद्देश्य टाइल्स व्यवसायी नयन प्रसाद की हत्या थी, लेकिन बदमाशों की फायरिंग के दौरान बचाव में आए रिटायर्ड फौजी को अपनी जान गंवानी पड़ी। घटना और पुलिस की कार्रवाई यह घटना 2 फरवरी को पावर हाउस के पास घटी, जब बाइक सवार बदमाशों ने दिनदहाड़े फायरिंग कर रिटायर्ड फौजी की हत्या कर दी और व्यवसायी नयन प्रसाद को गंभीर रूप से घायल कर दिया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए सीवान जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र के गौसीहाता गांव निवासी राजकिशोर पंडित को गिरफ्तार किया है। एसपी अवधेश दीक्षित ने इस केस की जांच के लिए गोपालगंज और सीवान पुलिस की संयुक्त विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया। टीम ने तकनीकी और मैनुअल जांच के आधार पर उत्तर प्रदेश से झारखंड तक छापेमारी की। जमीन विवाद बना हत्या का कारण पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि हत्या का मुख्य कारण जमीन विवाद था। टाइल्स व्यवसायी नयन प्रसाद विवादित जमीन की खरीद-बिक्री और जबरन कब्जा करवाने का काम करते थे। बड़हरिया क्षेत्र की एक विवादित जमीन को लेकर यह विवाद बढ़ा, जिसकी साजिश शेख अलीमुल्लाह उर्फ ठेकेदार ने रची थी। मुख्य साजिशकर्ता और आरोपी फरार मामले के मुख्य साजिशकर्ता शेख अलीमुल्लाह और उसके तीन बेटे—शाहनवाज आलम, सरफराज आलम, और अन्य आरोपी अभी फरार हैं। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। एसआईटी ने हत्या के लिए हथियार सप्लाई करने वाले अपराधियों की पहचान कर ली है और उनकी तलाश जारी है। रिटायर्ड फौजी पर कोई विवाद नहीं पुलिस जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि रिटायर्ड फौजी सतेंद्र सिंह का अपराधियों या विवाद से कोई संबंध नहीं था। वह केवल बीच-बचाव करने गए थे और इसी दौरान बदमाशों की गोली का शिकार हो गए। 72 घंटे में SIT का खुलासा गोपालगंज और सीवान पुलिस की संयुक्त टीम ने हत्या के 72 घंटे के भीतर मामले का खुलासा करने का दावा किया है। पुलिस के अनुसार, अपराधियों ने टाइल्स व्यवसायी की हत्या के लिए कई बार रेकी की थी। अधिकारियों का बयान एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा कि हत्या की साजिश और अपराधियों की पहचान स्पष्ट हो गई है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही मुख्य आरोपियों को पकड़कर न्यायिक प्रक्रिया में लाया जाएगा। यह घटना एक बार फिर जमीन विवाद के कारण होने वाले अपराधों की गंभीरता को उजागर करती है और प्रशासन पर ऐसे विवादों को समय रहते सुलझाने का दबाव डालती है।