सहरसा के मंडी मे राजस्थान के अलवर का प्याज पहुंच रहा है। ये सेव के भाव में ग्राहकों को उपलब्ध हो रहा है। जबकि सहरसा मे प्रत्येक रोज 90 टन प्याज़ खपत होती है। वहीं, आलू उत्तर प्रदेश के आगरा से सप्लाई हो रही है। जिले मे आलू की रोजाना 300 टन खपत है। दरअसल सहरसा सब्जी मंडी के आलू प्याज़ के थोक व्यापरी रामदेव भगत, संजीव भगत, सुमन भगत, आलोक भगत समेत अन्य ने बताया कि यू तो प्याज मध्यप्रदेश के इंदौर और महाराष्ट्र के नासिक से सप्लाई होती है। लेकिन अभी फसल पूरी नहीं होने की वजह से प्याज़ मंडी नही पहुँच रही है। ऐसे मे राजस्थान के अलवर से मंगवाया जा रहा है। जिस वजह से प्याज़ के रेट मे बढ़ोतरी हुई है। फिलहाल अलवर से प्रत्येक रोज 12 ट्रक सहरसा प्याज़ सप्लाई हो रही है। वहीं एक ट्रक में डेढ़ सौ पैकेट आता है। जिसकी कीमत करीब 12 लाख रुपए होती है। सहरसा जिले मे रोजना 90 टन प्याज़ ख़पत हो रही है। करीब डेढ़ करोड़ का प्याज़ मंडी पहुँचता है। जबकि मंडी में प्याज के थोक विक्रेता 60 रूपये प्रतिकिलो ग्राम है। वही खुदरा विक्रेता बाजार मे प्याज़ को 70-75 रुपये कीमत पर बेच रहे है। प्याज़ के बढ़े कीमत से अब घरेलु महिलाओ का बजट बिगड़ गया है। प्याज़ के कीमत से होटल दुकानदारों ने भोजन के थाली मे सलाद मे प्याज़ के बदले मूली चला रहे है। अब आलू की बात करें तो सहरसा मंडी में आलू आगरा से सप्लाई हो रही है। आलू की खपत भी सहरसा मे रोजाना 300 टन है। आगरा से 10 ट्रक प्रत्येक रोज पहुँचता है। एक ट्रक में करीब 30 टन रहता है। जिसकी कीमत करीब 5 लाख रुपए होती है। करीब 50 लाख आलू मंडी रोज पहुंचता है। आलू थोक विक्रेता 2100 रुपये क्विंटल बेचा जा रहा है। जबकि खुदरा विक्रेता 30 रुपये किलोग्राम बेचते है। आलू और प्याज को सहरसा मंडी में ऑर्डर देने के तीन दिन बाद पहुंचता है। ऐसे मे थोक व्यपारी पहले ही आर्डर दिया जाता है। ताकि मार्केट मे आलू प्याज़ का किल्ल्त नही हो सके।