दिल्ली के भारत मंडपम में संजीव मुकेश की गीत ‘हम हैं बिहार, का आज लोकार्पण होने जा रहा है। यह गीत बिहार को 2047 तक विकसित करने के उद्देश्य से प्रेरित होकर और बिहारी को उनकी आंतरिक ऊर्जा को पहचानने के लिए लिखा गया। गीत को संजीव मुकेश ने लिखा है। बिहार के प्रति अभी भी लोगों का नजरिया श्रमिक प्रदेश का ही है, वो यह नहीं जानते की श्रम के साथ मेधा हमारी विशिष्ट पहचान है। यदि श्रम-मेधा मिल जाए तो सफलता सुनिश्चित है। यह गीत बिहार के प्रति श्रमिक वाला नजरिया रखने वालों को एक जवाब भी है और बिहार के युवाओं के लिए प्रेरणा भी। इस गीत की संगीत को सजाया है प्रसिद्ध संगीतकार जफर मिर्जा ने और आवाज वृन्दावन के आदित्य अभिलाष और मथुरा की खुशी गोस्वामी ने आवाज दी है। जफर मिर्जा एक चर्चित संगीतज्ञ और गजल गायक हैं। जफर प्रसिद्ध सितार वादक पद्मभूषण पंडित देबू चौधरी, शास्त्रीय गायक पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन, उस्ताद मोहम्मद हुसैन, सितार वादक पंडित प्रतीक चौधरी, प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास के साथ निकटता से काम किया। वृंदावन के आदित्य अभिलाष एक चर्चित गायक हैं। ये उस्ताद इकबाल अहमद खान, पद्मश्री उस्ताद अहमद हुसैन और मोहम्मद हुसैन के शिष्य हैं। मथुरा की ख़ुशी गोस्वामी संस्कार टीवी की कलाकार हैं। खुशी ने प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष परीक्षा पर चर्चा में 2 बार अपनी प्रस्तुति दी है। जेपी नड्डा, अरविन्द केजरीवाल, स्मृति ईरानी, हेमा मालिनी के सामने भी अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। कौन हैं संजीव मुकेश नालंदा के अस्थावां प्रखंड के अंतर्गत जीयर गांव के संजीव कुमार मुकेश के पिता उमेश प्रसाद उमेश भी मगही और हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार हैं। मुकेश अभी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के मुख्यालय दिल्ली में कार्यरत हैं। मगही और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए जन जगृति अभियान भी चला रहे हैं। इनके गाए और लिखे गीत ‘यही तो मेरा देश है’ और ‘चलें! हम प्रेरित करें बिहार’ काफी चर्चित रहा है। ‘यही तो मेरा देश है’ गीत का अनुवाद 22 भारतीय भाषाओं में आकाशवाणी दिल्ली से किया गया। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पूरे देश में प्रसारित भी किया गया है। गांव का लड़का नाम से प्रसिद्ध संजीव मुकेश हिन्दी कविता का जाना-पहचाना और चमकता चेहरा हैं। इनकी रचनाएं संस्कारों की बात करती हैं। कई बार सम्मानित हो चुके हैं संजीव संजीव मुकेश कई राष्ट्रीय चैनलों पर लगातार कव्यपाठ भी करते रहे हैं। इन्होंने जी न्यूज़, भारत एक्सप्रेस, साहित्य तक, दूरदर्शन, राष्ट्रीय सहारा, न्यूज़-18 सहित अनेकों प्रतिष्ठित चैनलों पर कई बार अपनी प्रस्तुति दी है। मुकेश को अनेकों साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थानों ने सम्मानित किया है। जिसमें विश्व हिंदी सम्मान 2020, नई दिल्ली, मनवोत्कर्ष सम्मान 2018, पंडित सतीश चंद्र मिश्र सम्मान 2021, भामाशाह साहित्य सम्मान, राष्ट्रीय सम्वर्धक सम्मान, पंडित महेंद्र सिंह स्मृति सम्मान 2022, कैलाश गौतम लोक भाषा सम्मान 2023 सहित दर्जनों सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।