संगीत सम्राट तानसेन के 100वें शताब्दी पर ग्वालियर की धरती पर ऐतिहासिक तानसेन समारोह का आयोजन हुआ। इस मौके पर 500 से अधिक वाद्य यंत्रों के वादकों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दी। इसी बीच गया के नन्हें तबला वादक शाश्वत कुमार ने अपनी अद्भुत प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया। शाश्वत ने तबला संगत कर न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व का क्षण भी बनाया। शाश्वत ने अपने गुरू अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तबला वादक उस्ताद सलीम अल्लाहवाले की देखरेख में यह मुकाम हासिल की है। उस्ताद सलीम ने ही उन्हें इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने का मौका दिया। संगीत की ओर बचपन से ही था झुकाव उनके पिता शिक्षक राजेश कुमार का कहना है कि बचपन से ही शाश्वत का झुकाव संगीत की ओर था। गया घराने के सुप्रसिद्ध ख्याल और ठुमरी गायक ने भी शाश्वत को आशीर्वाद दिया है। शाश्वत ने देश के कई नामचीन कलाकारों के साथ तबला संगत की है। वह बिहार सरकार के मंचों पर भी सम्मानित हो चुके हैं। बता दें कि इस आयोजन में देशभर के वाद्य यंत्र वादकों ने अपने हुनर का प्रदर्शन किया। हर कलाकार के लिए यह कार्यक्रम तानसेन की धरती पर आशीर्वाद लेने जैसा है। शाश्वत ने यहां अपनी प्रस्तुति देकर बिहार का नाम रोशन किया।