लखीसराय के सदर प्रखंड क्षेत्र में नीलगाय का आतंक किसानों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है। अमहरा, मोरमा और बालगुदर पंचायत के लगभग 10 हजार एकड़ क्षेत्र में फैले टाल में नीलगाय झुंड के रूप में घुसकर फसलों को नष्ट कर रही हैं। स्थानीय कृषक नेता और किसान नेताओं ने बताया कि नीलगाय न केवल फसल खाती हैं बल्कि उनके पैरों से भी फसल को अधिक नुकसान होता है। प्रतिवर्ष लगभग 60 प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाती है। इस समस्या से बभनगामा टाल का आठ हजार बीघा क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित है, जिसमें बभनगामा, नीमचक, अमहरा, आलापुर और जितपारपुर गांव के किसान शामिल हैं। फिलहाल क्षेत्र में गेहूं, राई, मसूर, चना, सब्जियां जैसे टमाटर, बैगन और चिमरी की खेती की जा रही है। नीलगाय के भय से किसानों ने गर्मी की फसलें, विशेषकर मिर्च और मक्का की खेती करना बंद कर दिया है। किसान शूटर बुलाने की कर रहे मांग स्थानीय किसानों का कहना है कि राज्य सरकार ने फसल सुरक्षा की जिम्मेदारी मुखिया को दी है, लेकिन वे भी इस मुद्दे पर उदासीन हैं। किसान सूर्यगढ़ प्रखंड की तरह यहां भी शूटर बुलाने की मांग कर रहे हैं। जिला प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है, जिससे किसानों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।