बिहार विधान परिषद के तिरहुत स्नातक क्षेत्र उपचुनाव में मिमली वोट की चोट को कोई भी राजनीतिक दल नहीं पचा पा रहे हैं। मंगलवार को आए इस उपचुनाव के परिणाम से जिले की राजनीति में अचानक गर्मी आ गई है। इस उपचुनाव में चारों जिलों के पढ़े-लिखे मतदाताओं ने अपने वोट की चोट से सभी प्रमुख राजनीतिक दलों पर जमकर प्रहार किया है। करीब 22 वर्षों से इस सीट पर कब्जा जमाए दल व दिग्गज को भी लोगों ने वोट की ताकत से ताश के पत्ते की भांति धराशायी कर दिया है। दूसरी तरफ राजद प्रत्याशी के तीसरे व जदयू प्रत्याशी के चौथे स्थान पर खिसकने से निर्दलीय चुनाव लड़नेवालों या इसके लिए प्लान करनेवालों का मनोबल बढ़ गया है। खासकर आगामी विधानसभा चुनाव में नौकरी-पेशा वालों समेत अन्य लोग भी स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में लड़ने का प्लान बनाने लगे हैं। कई लोग तो यह कहने भी लगे हैं कि यदि राजनीतिक दल से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय लड़ने से नहीं चूकेंगे। तिरहुत स्नातक क्षेत्र उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी की जीत से सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की स्थिति खराब है। इस चुनाव में उनके सारे समीकरण बिगड़ गए। मतदाताओं ने राजद प्रत्याशी गोपी किशन को तो तीसरे स्थान पर धकेला ही, इस सीट पर लंबे समय तक कब्जा जमाए रहे जनता दल यूनाइटेड के प्रत्याशी अभिषेक झा को चौथे स्थान पर खिसकने के लिए मजबूर कर दिया। इसके साथ ही चुनाव से पहले गठित जनसुराज के प्रत्याशी डॉ. विनायक गौतम को दूसरे प्रत्याशी के रूप में चुना। इसके कारण प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की कुर्सी भी हिलने लगी है। सभी राजनीतिक दल अगले चुनाव की रणनीति तैयार करने लगे हैं। खासकर विधानसभा चुनाव को लेकर सबकी चिंता बढ़ गई है। वैसे सभी राजनीतिक दलों में मतों के बिखराव को ही प्रमुख कारण माना जा रहा है। खासकर भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए तरह-तरह से तैयारी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में जिले को दो हिस्सों में बांट दिया है। बताया गया है कि अब सभी बूथों पर और मंडलों में संगठन को मजबूत करने के लिए भाजपा के मुजफ्फरपुर जिले में दो जिलाध्यक्ष होंगे। उधर, जिले में नगर निकाय चुनाव के बाद राजनीति में चिकित्सकों का प्रवेश हुआ। जबकि, तिरहुत स्नातक उपचुनाव में शिक्षकों ने पूरी ताकत लगा दी। शिक्षक नेता वंशीधर ब्रजवासी ने परचम लहराया। इससे नौकरी-पेशा वालों समेत अन्य लोग भी स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में लड़ने का प्लान बनाने लगे हैं।