पटना में इन दिनों साइबर ठगी के मामले बढ़े हैं। पिछले 2 दिनों में 40 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। ठगों ने करीब 2.59 करोड़ की ठगी की है। सबसे अधिक ट्रेडिंग के नाम पर ठगी हुई है। इसके अलावा बिजली कटने और लड़की के चक्कर में भी कई लोगों ने पैसे गंवा दिए। शास्त्री नगर थाना थाना क्षेत्र के एजी कॉलोनी निवासी कृष्ण मोहन ओझा को एक लड़की ने फोन पर पहले अपने बातों में फंसाया। कुछ दिनों में दोस्ती गहरी होने के बाद मुलाकात भी हुई। इस दौरान लड़की ने भरोसे में लेकर ट्रेडिंग में निवेश करा दिया। एक दिन बात करते-करते कृष्ण मोहन का मोबाइल लेकर गायब हो गई। सब कुछ फोन में ही था। कम लागत में ज्यादा फ्रॉफिट के चक्कर में 33.50 लाख रुपए गंवा दिए। इसी तरह बाइपास इलाके के रहने वाले वरुण को भी एक लड़की ने फोन पर ट्रेडिंग में निवेश करने का झांसा दिया। वरूण लड़की के बातों में आकर बैंक से लोन लेकर 22.68 लाख रुपए निवेश किया। ठगी का एहसास होने पर साइबर थाने में मामला दर्ज कराया। क्रिप्टो करेंसी खरीदने में 18 लाख का इन्वेस्ट सिपारा निवासी पुरुषोत्तम कुमार ने यूट्यूब पर वीडियो देखकर एक नंबर पर फोन किया। कॉल एक लड़की ने रिसीव किया। लड़की की बातों में आकर पुरुषोत्तम ने क्रिप्टो करेंसी खरीदने में 18 लाख रुपए लगा दिया। जिस साइट से क्रिप्टो करेंसी खरीदा था, अब वो नहीं खुल रहा है। सोशल मीडिया पर रुपसपुर थाना क्षेत्र के राजेश कुमार की दोस्ती सुष्मिता नाम की लड़की से हुई। कुछ दिनों तक फोन पर दोनों की बातचीत हुई। लड़की ने ट्रेडिंग में पैसा लगाने का सुझाव दिया। पहले उसने 10 हजार रुपए लगाया। इसका रिटर्न भी कुछ ही दिनों में मिल गया। इसके बाद सुष्मिता के कहने पर 40 लाख रुपए इन्वेस्ट कर दिया। इस बीच अचानक लड़की गायब का फोन बंद आने लगा। सारा रुपए लेकर वो फरार हो गई। ज्यादा मुनाफा के चक्कर में 7 लाख का निवेश वहीं, रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले विजय कुमार यूट्यूब पर वीडियो देखकर एक नंबर पर कॉल किया। कॉल पर किसी लड़की से बात हुई। लड़की ने अपनी बातों में कई दिनों तक फंसाया। फिर ज्यादा मुनाफा के चक्कर में 7 लाख रुपए निवेश करा दिया। विजय को अचानक पैसों की जरूरत पड़ी। इसके लिए लड़की ने प्रोसेसिंग फीस और जीएसटी के नाम पर रुपए की डिमांड की। शक होने के बाद विजय ने साइबर थाने में मामला दर्ज कराया। इसके अलावा पीसी कॉलोनी के विकास कुमार केडिया से 90 हजार और मीठापुर के रहने वाले बीर बहादुर सिंह से निवेश के नाम पर शातिरों ने 92 हजार की ठगी कर ली। कुल मिलाकर पिछले 2 दिनों में 40 लोगों से 2.59 करोड़ की ठगी हुई है। 10 सबसे ज्यादा प्रचलन वाले साइबर फ्रॉड के तरीके ट्रेडिंग में मुनाफा- ऑनलाइन ट्रेडिंग सिखाने, पैसा निवेश करने, दोगुना मुनाफा का झांसा देकर शातिर ठगी करते हैं। लोग कम निवेश में ज्यादा प्रॉफिट के लालच में ज्यादा पैसा गंवा देते हैं। बिजली कनेक्शन के नाम पर- शातिर लोगों को फोन करके बिजली कटने का भय दिखाता है। बिल बकाया और मीटर अपडेट नहीं होने का झांसा दिया जाता है। ऑनलाइन या पार्ट टाइम जॉब- शातिर सोशल मीडिया पर ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब का झांसा देता है। इस झांसे में बेरोजगार आ जाते हैं और अपना जमा-पूंजी गवा बैठते हैं। लोन एप फ्रॉड- लोग आजकल ऑनलाइन लोन सर्च करते हैं। कम समय में लोन के चक्कर में लोग ठगी के शिकार हो जाते हैं। पुलिस या सीबीआई अधिकारी के नाम पर ठगी- शातिर पहले लोगों को पुलिस, कस्टम अधिकारी या कोई और अधिकारी बन कर फोन करते हैं। गिरफ्तारी का डर दिखाकर और केस मैनेज के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाते हैं। क्रेडिट कार्ड फ्रॉड- शातिर खुद को क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट का अधिकारी बताता है। कस्टमर को लिमिट बढ़ाने, केवाईसी करने, रिवार्ड प्वॉइंट मिलने का झांसा दिया जाता है। सेक्सटॉर्शन- महिला शातिर व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल करती है। खुद न्यूड हो जाती है और उसका स्क्रीनशॉट रख लेती है। इसके बाद यूजर को ब्लैकमेल कर ठगी करती है। इसमें ज्यादातर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स फंस जाते हैं। ओएलएक्स फ्रॉड- शातिर ओएलएक्स पर कोई सामान बेचने के लिए एड देता है। क्यूआर कोड भेजकर कस्टमर से ठगी करता है। फेक प्रोफाइल फ्रॉड- शातिर पहले किसी का फेक प्रोफाइल बना लेता है। फिर उसके दोस्तों और रिलेटिव को उसी नाम से मैसेज करता है। लोग बातों में आकर पैसा भेज देते हैं। जस्ट डायल या सजेस्ट एडिट फ्रॉड- गूगल का एक फीचर है, सजेस्ट एंड एडिट। इसका फायदा शातिर खूब उठाते हैं। शातिर गूगल पर फर्जी वेब पेज बना लेता है। पेज पर मोबाइल नंबर एडिट कर देता है। लोग किसी भी बात के लिए गूगल सर्च करते हैं। वहां से गलत नंबर निकाल कर कॉल करते हैं। जिसके बाद ठगी के शिकार हो जाते हैं।