पटना पुलिस ने 5 और फर्जी सिपाही अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। फिजिकल टेस्ट के दौरान बायोमेट्रिक अटेंडेंस में फिंगर प्रिंट मैच नहीं हुआ। कड़ाई से पूछताछ करने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ। गिरफ्तार अभ्यर्थियों के बदले स्कॉलर ने रिटेन एग्जाम दिया था। पांचों कैंडिडेट्स मंगलवार को फिजिकल टेस्ट देने गर्दनीबाग स्थित सेंटर पर पहुंचे थे। पूछताछ के बाद सभी को पुलिस के हवाले कर दिया। पकड़े गए अभ्यर्थियों की पहचान गया के उपेंद्र कुमार, रोहतास के प्रीतम कुमार, जहानाबाद के आलोक कुमार, सारण के सोनू कुमार और नालंदा के राजीव कुमार के तौर पर हुई है। अब तक पुलिस 26 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। रिटेन एग्जाम में 1 लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी सफल हुए थे केन्द्रीय चयन पर्षद (CSBC) ने 14 नवंबर को सिपाही भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी किया था। इस परीक्षा में 1 लाख 7 हजार 79 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। 7, 11, 18, 21, 25 और 28 अगस्त, 2024 को सिपाही भर्ती परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल के 21 हजार 391 रिक्त पदों को भरने के लिए ली गई थी। करीब 17 लाख 87 हजार 720 उम्मीदवारों ने आवेदन दिया था। जिसमें से 12 लाख के करीब कैंडिडेट शामिल हुए थे। फिजिकल टेस्ट और दस्तावेज जांच के लिए 9 दिसंबर 2024 से 10 मार्च 2025 तक का समय दिया था। गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के शहीद राजेंद्र प्रसाद सिंह राजकीय उच्च विद्यालय सेंटर बनाया गया है। पेपर लीक के बाद दोबारा हुई थी परीक्षा सिपाही भर्ती परीक्षा 1 अक्टूबर 2023 को हुई थी। इसका पेपर लीक हुआ था। इसके बाद इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। सिपाही भर्ती पेपर लीक में आर्थिक अपराध में खुलासा करते हुए बताया है कि इसका सरगना भी नालंदा के नगरनौसा का संजीव मुखिया उर्फ लूटन ही है। पेपर एग्जाम के 4 दिन पहले ही लीक हो गया था।