पूर्णिया में बैंक मित्र पद से मुक्त किए जाने से नाराज बैंक मित्रों ने फिर से बहाली के लिए डीएम कुंदन कुमार से मुलाकात की और उन्हें आवेदन सौंपा। डीएम से मिलकर बैंक मित्रों ने जीविका के जिलास्तरीय प्रबंधक पर जीविका परियोजनाओं के नियमों का उल्लंघन करते हुए अवैध व मनमाने तरीके से निष्कासन का आरोप लगाया। बैंक मित्रों ने कहा कि अगर इसके बाद भी उनकी मांग नहीं सुनी जाती तो वे हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे। बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के पूर्णिया जिलाध्यक्ष सिंटू कुमार सिंह की अगुआई में जिले की सभी बैंक मित्र एक जुट हुए। आवेदन तैयार कर 35 बैंक मित्रों ने अपना हस्ताक्षर किया। बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ के पूर्णिया जिलाध्यक्ष सिंटू कुमार सिंह ने बताया कि 35 बैंक मित्रों को जीविका के जिला स्तरीय प्रबंधक (डी.पी.एम) तरूण कुमार और मो. बहाउद्दीन के इशारे पर पद से मुक्त कर दिया गया। जिससे सीएम नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी जीविका परियोजना में आने वाले सैकड़ों गरीब परिवारों का कार्य बाधित है। घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी बैंक मित्रों ने बताया कि कई बार जीविका के जिला और प्रखंड परियोजना प्रबंधक से बात की गई, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं की गई। उल्टे सभी बैंक मित्र को डांट फटकार कर अपमानित किया गया। ये व्यवहार महिला सशक्तिकरण की परियोजना जीविका के सिद्धांतों के विपरीत है। वहीं, बगैर नोटिस के काम से निकाला गया। इससे पहले मानदेय बढ़ोतरी को लेकर अगस्त में किए गए चरणबद्ध आंदोलन के कारण दिसंबर तक उनकी सेवा रुकी रही। दिसंबर मध्य में जब तक वे सेवा में आईं इसके ठीक बाद ही उन्हें पद से मुक्त किए जाने की जानकारी मिली। जिसके चलते उनके घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी है। ऐसे में समस्या के समाधान को लेकर उन्होंने डीएम को आवेदन सौंपा है। इसपर डीएम ने मामले को समझकर न्याय का आश्वासन दिया है। अगर इसके बाद भी उनकी मांग पर गौर नहीं किया जाता तो वे सभी हाईकोर्ट के शरण में जाएंगे।