धान की फसल की कटनी के बाद पराली जलाने वाले जिले के 131 किसानों का डीबीटी रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है। उक्त सभी किसानों को सरकार की कृषि योजनाओं के लाभ से भी वंचित कर दिया गया है। जानकारी देते हुए जिला कृषि पदाधिकारी राम कुमार ने बताया कि चिन्हित किसने के खिलाफ सीआरपीसी की धारा 133 के तहत विधि संवत कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के द्वारा फसल अवशेष नही जलाने के लिए जिले के सभी प्रखंड के पंचायतों पर किसान चौपाल का आयोजन एलईडी ज्ञान वाहक रथ के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। दैनिक समाचार में भी प्रकाशित किया गया है। फसल अवशेष जलाने से होने वाले क्षति जैसे मिट्टी का तापमान बढ़ने के कारण मिट्टी में उपलब्ध सूक्ष्म जीवाणु केचुओं आदि का झस हो जाना,फलस्वरूप मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण हो जाती है। साथ ही पर्यावरण दूषित होने के कारण सभी जीवों पर दुस्परिणाम के साथ-साथ श्वास की बिमारी भी हो जाती है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जीविका दीदी के माध्यम से भी स्कूल में जाकर जागरूक किया जा रहा है।