झारखंड के पूर्व गृह सचिव राजीव अरुण एक्का की शिकायत लोकपाल से की गई है। यह शिकायत ईडी ने 0 दिसंबर को पत्र लिख कर की है। पत्र में ईडी ने बताया है कि राजीव अरुण एक्का के तार मनरेगा घोटाला, अवैध पत्थर खनन और अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के बदले पैसे लेने से जुड़े हैं। राजीव अरुण एक्का के खिलाफ अब तक की जांच में जो तथ्य मिले हैं, उससे भी अवगत कराया गया है। ईडी ने लोकपाल को पीएमएल की धारा 66(2) के तहत राज्य सरकार के साथ साझा की गई रिपोर्ट की कॉपी भी उपलब्ध कराई है। दरअसल ईडी मनरेगा घोटाला और अवैध पत्थर खनन जैसे मामले की जांच कर रही है। इसी जांच के क्रम में ईडी ने 24 मई 2022 को नेताओं व नौकरशाहों के करीबी विशाल चौधरी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। जहां तत्कालीन गृह सचिव राजीव अरुण एक्का की संलिप्तता के लिंक मिले थे। कोड वर्ड से होती थी पैसे की लेनदेन ईडी ने जांच के क्रम में पाया था कि विशाल चौधरी के साथ राजीव अरुण एक्का के अच्छे संबंध हैं। राजीव की एक तस्वीर भी वायरल हुई थी, जिसमें वे विशाल चौधरी के घर में अपनी महत्वपूर्ण फाइलों को निपटाते नजर आ थे। इतना ही नहीं राजीव अरुण एक्का आईएएस अफसर सहित अन्य के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए भी विशाल चौधरी के जरिए रिश्वत ली। डिलिंग कोड वर्ड में हुई थी। एक्का के लिए आर सर, आरएई, पत्नी श्वेता सिंह के लिए एसएससी, पैसे के लेन-देन में लाख के लिए फाइल व करोड़ के लिए फोल्डर शब्द का इस्तेमाल किया गया था। राजीव अरुण एक्का के खाते में अवैध कमाई के सबूत ईडी की ओर से लोकपाल को जो शिकायत की गई है और उसके साथ जो दस्तावेज दिए गए हैं, उसमें यह बताया गया है कि जांच के क्रम में राजीव अरुण एक्का के खाते में अवैध कमाई के सबूत मिले हैं। एक्का के पास आय से अधिक संपत्ति का पता चला था। ईडी को अवैध पत्थर खनन मामले में जांच के दौरान पता चला था कि एक्का ने विशाल चौधरी के साथ बाजार से तीन गुना अधिक कीमत पर सामान खरीदा था। पुंदाग में एक 59 डिसमिल जमीन खरीदी, जिसका बाजार में कीमत चार करोड़ रुपए थी। अब जानिए क्या है पूरा मामला भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक 22 सेकेंड का वीडियो जारी किया था। इस वीडियो में नजर आए मुख्यमंत्री के तत्कालीन प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का। वीडियो के साथ बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी के अभियुक्त विशाल चौधरी के घर जा कर अधिकारी फाइलें निपटा रहे हैं। इन आरोपों पर राजनीति तेज थी। तभी देर शाम प्रधान सचिव और गृह सचिव राजीव अरुण एक्का का ट्रांसफर कर दिया गया। कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग ने अधिसूचना भी जारी कर दी।