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प्रोजेक्ट प्रेजेंटेशन और रिसर्च प्रोग्राम में बच्चों ने दिखाई रचनात्मक प्रतिभा

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सिटी रिपोर्टर |जहानाबाद राज्यस्तरीय बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम के तीसरे दिन रविवार को राज्य भर के बाल वैज्ञानिकों और शिक्षकों ने ऐतिहासिक बाणावर क्षेत्र में नागार्जुन और बणावर पहाड़ी स्थित मौर्यकालीन गुफाओं का भ्रमण कर यहां की ऐतिहासिक विरासतों व नैसर्गिक सौंदर्य के संगम को नजदीक से परखा। दरअसल परिभ्रमण का उद्देश्य बच्चों को बिहार की ऐतिहासिक धरोहरों और प्राकृतिक सौंदर्य से परिचित कराना था। बच्चों को नागार्जुन और बराबर की गुफाओं के ऐतिहासिक महत्व, निर्माण शैली के बारे में जानकारी दी। बच्चों ने इन स्थलों का बारीकी से अवलोकन किया और वहां की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया। दूसरे सत्र में कुर्मा संस्कृति स्कूल के सभागार में मीट द साइंटिस्ट समारोह का आयोजन किया गया। मौके पर उपस्थित डाल्फिन मैन ऑफ इंडिया के नाम से विख्यात पद्दमश्री से सम्मानित डॉ. रविंद्र कुमार सिन्हा ने कहा, “बच्चों में वैज्ञानिक सोच का विकास वास्तव में देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव है। उन्होने कहा कि बाल वैज्ञानिकों ने जो परियोजनाएं प्रस्तुत की हैं, वे उनके अंदर की रचनात्मकता और अनुसंधान क्षमता का प्रतीक हैं। समापन समारोह में अपने संबोधन के दौरान रास बिहारी प्रसाद सिंह, पूर्व कुलपति, नालंदा विश्वविद्यालय और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने कहा विज्ञान केवल प्रयोगशाला तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन का अभिन्न हिस्सा है। बाल वैज्ञानिकों के प्रयास इस बात का प्रमाण है कि आज का युवा नई सोच और रचनात्मकता के साथ विज्ञान को समाज की समस्याओं का समाधान बनाने में सक्षम है। राकेश कुमार (अध्यक्ष, नैनो टेक्नोलॉजी, आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी), डॉ. अरुण कुमार (अध्यक्ष, साइंस फॉर सोसाइटी) और स्टेट कोर्डिनेटर डॉ सीएस झा ने संबोधित किया। कार्यक्रम के सभी जिलों से आए बाल वैज्ञानिकों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। इस अवसर पर कार्यक्रम की स्मारिका का भी अतिथियों ने विमोचन किया। बिहार-झारखंड के मेजर जनरल ने बच्चों को किया प्रोत्साहित बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम के तीसरे दिन आयोजित विशेष सत्र में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे मेजर जनरल विकास भारद्वाज (विशिष्ट सेवा मेडल), जीओसी बिहार-झारखंड, ने भी बाल वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हुए उनके रचनात्मक प्रोजेक्ट्स व वैज्ञानिक प्रतिभा की तारीफ की। सत्यम शिवम सुंदरम ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन एवं कुर्मा संस्कृति स्कूल के चेयरमैन शंकर कुमार ने आगत विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वे समाज को शैक्षणिक उन्नयन करने के लिए अपनी संस्था के माध्यम से हर जरूरी व संभव सहयोग के लिए सदैव तैयार हैं। उन्होने कहा कि ग्रामीण इलाके में मेडिकल कॉलेज व यूनिवर्सिटी की स्थापना का उद्येश्य ग्रामीण समाज को शिक्षा की बुलंदियों पर पहुंचाना है। मौके पर सत्यम शिवम सुंदरम ग्रूप के एमडी डा. ओम नारायण, नीलू देवी, और प्राचार्य अपर्णा सिंह ने भी अपने संबोधन में बच्चों के नवाचारी विजन को शानदार बताते हुए उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित किया। सत्र में मेजर जनरल विकास भारद्वाज ने छात्रों को नेतृत्व और देश सेवा के महत्व पर प्रेरणादायक संबोधन दिया। अन्य अतिथियों ने विज्ञान और शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने पर जोर दिया। यह सत्र विद्यार्थियों के लिए बेहद प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक रहा।

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