स्मार्ट सिटी के तहत बिहारशरीफ शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है। रांची रोड में सोगरा कॉलेज से लेकर एलआईसी ऑफिस तक इसका निर्माण कराया जा रहा है। हालांकि शहर का यह पहला फ्लाई ओवर शुरू से ही विवादों से घिरा रहा है। स्थानीय लोगों ने निर्माण से पूर्व ही इसका पुरजोर विरोध किया था। हालांकि शहर को जाम की समस्या से निजात दिलाने और यातायात व्यवस्था को सुदृढ करने के लिए डेढ़ किलोमीटर लंबे फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। 29 अगस्त 2022 को हुआ था एग्रीमेंट विभागीय रिपोर्ट के अनुसार फ्लाई ओवर का निर्माण के लिए एजेंसी के साथ 29 अगस्त 2022 को एग्रीमेंट किया गया था। 8 अगस्त 2024 तक काम पूरा करने का समय था। लेकिन 3 माह अतिरिक्त बीत जाने के बाद भी 80% ही काम पूरा हो पाया है। अगर निर्माण कार्य ने रफ्तार नहीं पकड़ी तो स्मार्ट सिटी का समय समाप्त होने के बाद भी पूरा होना संभव नहीं दिख रहा है। यह स्थिति तब है जब फ्लाईओवर के निर्माण का काम एग्रीमेंट होने से पहले ही शुरू कर दिया गया था। 16 जून 2022 से ही फ्लाई ओवर बनाने का काम शुरू किया गया है। 52 करोड़ रुपए किए जा रहे खर्च फ्लाईओवर करीब डेढ़ किलोमीटर लंबा एवं 8.9 मीटर चौड़ा है। सोगरा कॉलेज से शुरू होकर एलआईसी ऑफिस तक फ्लाईओवर बनाने का काम चल रहा है। इस परियोजना पर करीब 52 करोड रुपए खर्च किए जा रहे हैं। नगर निगम ने 30 लोगों को भेजा नोटिस फ्लाईओवर निर्माण कार्य पूरा करने के लिए एजेंसी को जगह की कमी हो रही है। ऐसे में सड़क किनारे बने मकान को तोड़ने का निर्णय लिया गया है। बिहार शरीफ नगर निगम के द्वारा करीब 30 लोगों को नोटिस भेज कर मकान का नक्शा मांगा गया है, जिससे स्थानीय लोगों में तो आक्रोश व्याप्त है। अब यह मामला राजनीतिक तूल भी पकड़ने लगा है। स्थानीय विधायक डॉक्टर सुनील कुमार ने नगर निगम के द्वारा मकान के मांगे गए नक्शे को गलत बताते हुए नगर आयुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि स्थानीय लोगों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। जिन मकानों का नक्शा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। वह 50 से 60 साल पुराना है। जिस समय मकान का निर्माण हुआ था। उस समय बिहार शरीफ नगर पालिका, नगर परिषद या नगर निगम पूर्ण अस्तित्व में नहीं था। स्थानीय लोग अब कोर्ट का शरण लेने की तैयारी में है। उनका कहना है कि अगर अधिकारियों के द्वारा उचित न्याय नहीं मिला तो वह अब न्यायालय के समक्ष अपनी हक की बात रखेंगे। स्थानीय लोगों ने क्या कहा स्थानीय निवासी संजय मेहता, नवीन प्रसाद ने कहा कि नगर निगम की ओर से यह कहीं से उचित निर्णय नहीं है। शहर के रांची रोड में फ्लाई ओवर की जरूरत ही नहीं थी। बावजूद यह प्रोजेक्ट लाकर आम लोगों को परेशान किया जा रहा है। यहां पर आजादी के समय या उसके पूर्व समय से ही घर बने हुए हैं। बावजूद अब मकान का नक्शा मांगा जा रहा है, ताकि फ्लाई ओवर निर्माण के लिए घरों को तोड़ा जाए। जबकि इसकी शुरुआत में पदाधिकारियों ने यह भरोसा दिलाया था कि फ्लाई ओवर के निर्माण में स्थानीय लोगों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी। लेकिन अब नाहक ही हमलोगों को परेशान किया जा रहा है। क्या बोले नगर आयुक्त? नगर आयुक्त दीपक मिश्रा ने बताया कि सरकारी भूमि को चिन्हित करने के लिए नोटिस दिया गया है। कुछ लोगों ने सरकारी जमीन को अतिक्रमण कर रखा है। फ्लाई ओवर निर्माण को लेकर क्रेन को मूवमेंट कराने में परेशानी आ रही है, जिसका अल्टरनेट उपाय निकाला जा रहा है। ताकि जल्द से जल्द फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा सके।