जहानाबाद के कुरमा संस्कृति विद्यालय में सोमवार को बिहार बाल विज्ञान शोध कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य मेहमान के रूप में शिरकत करते हुए राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि विज्ञान के विकास के साथ- साथ साथ मानवीय गुणों का ह्रास होता जा रहा है, जो चिंता का विषय है। राज्यपाल ने कहा कि मानव की सोच बढ़ने की बजाय छोटी होते जा रही है। जब हम विज्ञान के आविष्कार को देखते हैं, तब हम सोचते हैं कि कहां से कहां पहुंच गए हैं। लेकिन मालवीय विचार और संस्कृति से दूर होना इस विज्ञान के युग में भटकाव का कारण बन रहा है। मानव एक दूसरे के विकास को सहन नहीं कर पा रहे हैं। आपकी प्रगति से हमें हर्ष होना चाहिए, लेकिन इसके ठीक विपरीत हो रहे हैं। कई देशों के बीच युद्ध इसी सोच के कारण आज कई देशों के बीच युद्ध हो रहे हैं, तो कई जगहों पर इस तरह के वातावरण बना रहे हैं। इसके पहले राज्यपाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। मौके पर बिहार के विभिन्न जिलों से आए छात्र-छात्राओं को उनके शोध के लिए राज्यपाल के हाथों से पुरस्कृत किया। बच्चों ने विज्ञान के विभिन्न विषयों को लेकर शोध किए थे। किसी ने भूकम्प से बचाव को लेकर तो कोई आकाशीय बिजली से होने वाले नुकसान को कम करने के उद्देश्य के तकनीक के शोध किए थे। इस कार्यक्रम में कृषि के क्षेत्र में भी बच्चों की ओर से शोध किए गए थे। प्रदूषण कम करने, सेफ्टी टैंक समेत और कई तरह के शोध छात्र-छात्राओं की ओर से किए गए थे, जो अपने आप में खास था। राज्यपाल ने इन छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए कहा कि हमें भी आज गर्भ हो रहा है की वैसे बच्चों के साथ समय बिताने का मौका मिला है जो विज्ञान के नए-नए शोध में जुड़े हुए हैं। मौके पर संस्था के अध्यक्ष शंकर कुमार सिंह, विद्यालय के प्रर्चाय अर्पणा सिंह समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।