एसटीएफ एडीजी अमृत राज सोमवार को पुलिस मुख्यालय में एसटीएफ की उपलब्धियों और लक्ष्य की जानकारी दी। एडीजी एसटीएफ ने बताया कि उत्तर बिहार को नक्सल मुक्त कर दिया गया है। कुछ महीनों में जो कुछ बचे हैं, उनको भी मुक्त करा लिया जाएगा। साथ ही बिहार में नक्सली हिंसा में लगभग 70 फीसदी की कमी आई है। 2025 तक नक्सल मुक्त करेंगे फिलहाल बिहार में लखीसराय, मुंगेर, कैमूर, जमुई और औरंगाबाद 5 जिलों में नक्सली अभी भी बने हुए है। एसटीएफ इसके लिए भी लगातार कार्रवाई कर रही है। बिहार और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र में कुछ नक्सली के छुपने की सूचना है। एसटीएफ एडीजी ने कहा कि हमलोगों का लक्ष्य है कि बिहार को 2025 तक पूर्ण रूप से नक्सल मुक्त करा लिया जाए। 6.75 करोड़ की चल-अचल संपत्ति जब्त एसटीएफ नक्सलियों को आर्थिक रूप से कमजोर करने पर भी जोर दे रही है। एसटीएफ नक्सलियों की अवैध संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। यूएपीए एक्ट का उपयोग कर 2012 से अब तक 32 मामलों में नक्सलियों के 6.75 करोड़ की चल-अचल सम्पति जब्त की जा चुकी है। पीएमएलए एक्ट का उपयोग कर 14 मामलों में 8.97 करोड़ रूपयों की नक्सलियों की चल और अचल सम्पति को जब्त करने के लिए ईडी को प्रस्ताव भेजा गया है 10 नक्सलियों में संदीप यादव, प्रद्युमन शर्मा, मुसाफिर सहनी, अरविन्द यादव, रामबाबु राजन, पिन्टु पिन्टु राणा, विनय यादव, अनील राम, दिलीप सहनी और अभीजीत यादव की लगभग 4.93 करोड़ रूपयों की चल-अचल सम्पति जब्त की गई है। अफीम की खेती को खत्म किया जा रहा है नक्सलियों का आर्थिक सोर्स रोकने के लिए भी एसटीफ लगातार कार्रवाई कर रही है। अफीम की अवैध खेती माओवादियों के आय का मुख्य स्रोत रहा है। अफीम की अवैध खेती के को नष्ट किया जा रहा है। 2024 में 2523.40 एकड़ पर हो रहे अफीम की अवैध खेती को नष्ट करने की कार्रवाई की गई है। साथ ही माओवादियों अवैध लेवी भी वसूलते है। एसटीफ इसपर भी अपनी नजर बनाए हुए है। 2020 से 2024 के बीच अब तक 57 लाख की अवैध लवी का पैसा जब्त किया गया है। बड़े नक्सलियों की तलाश तेज अब उत्तर बिहार में नाम मात्र के नक्सली बच गए हैं। जिन्हें जल्द खत्म कर दिया जाएगा। लेकिन, अभी भी दक्षिण बिहार के 5 जिले मुंगेर, जमुई लखीसराय, गया और औरंगाबाद में अभी भी नक्सली पांव पसारे हुए हैं, जिन्हें जल्द खत्म कर दिया जाएगा। एसटीफ ने गया और औरंगाबाद में बड़े नक्सली विवेक की तलाश कर रही है। वहीं, लखीसराय, जमुई और मुंगेर में सुरेश कोड़ा की तलाश जोर-शोर से कर रही है। एसटीएफ का मानना है कि इनकी गिरफ्तारी के बाद एक हद तक नक्सली हिंसा कम होगी।