बिहार पुलिस अब हाईटेक हो गई है। अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने मॉडर्न चक्र ऐप का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। अभी तक ये ऐप बिहार के कुछ जिलों में ही इस्तेमाल किया जाता था। अब, बेतिया में भी इस ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये ऐप पुलिस को अपराधियों की जानकारी तुरंत देगी। सामान्य जांच के दौरान भी इस ऐप के जरिए अपराधियों को पकड़ने में मददगार साबित हो रहा है। सभी पुलिस पदाधिकारियों के मोबाइल में इंस्टॉल चक्र ऐप चक्र ऐप को जिले के सभी पुलिस पदाधिकारियों के मोबाइल में इंस्टॉल कर दिया गया है। इस ऐप पर जिले के लगभग 5 हजार अपराधियों का डाटाबेस मौजूद है। इसमें उनके आपराधिक इतिहास की पूरी कुंडली दर्ज है। पुलिस किसी संदिग्ध की तस्वीर को लेकर ऐप में फीड करती है। अगर वह व्यक्ति ऐप के डाटाबेस में दर्ज है, तो उसकी पूरी जानकारी तुरंत स्क्रीन पर आ जाती है। आसान पहचान, तेजी से कार्रवाई सदर SDPO विवेक दीप के अनुसार, यह ऐप सामान्य वाहन जांच और संदिग्धों की पहचान के दौरान बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। ऐप के जरिए पुलिस को संदिग्धों के पुराने मामले, पहचान पत्र और अलग-अलग थानों में दर्ज आपराधिक मामलों की पूरी जानकारी मिल जाती है। अपराधियों पर शिकंजा कसने में मददगार हाल ही में बेतिया नगर पुलिस ने इस ऐप की मदद से वाहन चोरी गिरोह के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया। अन्य थानों में भी चक्र ऐप के माध्यम से कई संगीन मामलों के आरोपियों को पकड़ा गया है। गश्ती के दौरान संदिग्धों की पहचान में भी यह ऐप अहम भूमिका निभा रहा है। एप का उपयोग कैसे होता है? इंस्टॉल- पुलिस पदाधिकारियों को ऐप इंस्टॉल कर लॉगिन ID और पासवर्ड प्रदान किया गया है।
सक्रियता: लॉगिन के बाद, रजिस्टर्ड मोबाइल पर ओटीपी आता है। इसे डालने के बाद एप सक्रिय हो जाता है।
जानकारी फीड: पुलिस जेल भेजे गए अपराधियों का आपराधिक इतिहास, पहचान पत्र और अन्य विवरण ऐप में फीड करती है।
तस्वीर से पहचान: किसी भी संदिग्ध की तस्वीर लेकर एप में फीड करते ही उसका पूरा आपराधिक इतिहास स्क्रीन पर आ जाता है। पुलिस की हाईटेक पहल से बदलेगी स्थिति चक्र एप अपराधियों की तुरंत पहचान के साथ-साथ पुलिसिंग को अधिक प्रभावी और तेज बना रहा है। पुलिस अब न केवल संगठित अपराधियों को पकड़ने में सक्षम हो रही है, बल्कि सामान्य जांच के दौरान भी बड़े अपराधों के सुराग प्राप्त कर रही है। यह पहल बेतिया जिले में अपराध नियंत्रण और पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो रही है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि चक्र एप का दायरा बढ़ाकर इसे राज्य के अन्य जिलों में भी लागू किया जा सकता है।