बिहार में बेरोजगारी की समस्या से जूझते युवाओं के लिए सरकार ने एक नई उम्मीद जगाई है। राज्य सरकार, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना और लघु उद्यम योजना के तहत युवाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और बिहार में उद्यमिता को बढ़ावा देना है, ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को सशक्त कर सकें और रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकें। गुरुवार को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना एवं बिहार लघु उद्यमी योजना के तहत समाहरणालय सभागार में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के अध्यक्षता में शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के अलग अलग प्रखंडों से आए लाभुकों को द्वितीय किस्त के चेक का वितरण किया गया। साथ ही अच्छे कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया। जिले के पारू प्रखंड के विनोद कुमार ने बताया कि वो काफी दिनों से रोजगार के लिए परेशान थे। इसी दौरान उन्हें बिहार लघु उद्यमी योजना के बारे में जानकारी मिली। जिसके बाद योजना के लाभ के लिए आवेदन दिया। आवेदन स्वीकृत होने के बाद उन्होंने मसाला का उद्योग शुरू किया। जिसमें करीब आधा दर्जन लोगों को नौकरी दिए हुए है। साथ ही सालाना लाखों का टर्नओवर भी होने लगा है। आज उनको जिलाधिकारी के द्वारा प्रशस्ति पत्र भी दिया गया है। वार्षिक टर्नओवर करीब 90 लाख रुपया है। मुझे 10 लाख का लोन मिला था। सकरा प्रखंड के विकास कुमार ने बताया कि बी. टेक करने के बाद वो एक निजी कंपनी में नौकरी कर रहे थे। लेकिन वो अपने नौकरी से संतुष्ट नहीं थे। जिसके बाद बिहार लघु उद्यमी योजना के बारे में उन्हें जानकारी मिली। विकास ने भी आवेदन दिया। आवेदन स्वीकृति के बाद अपना फाइल फोल्डर का उद्योग शुरू किया। लगभग एक दर्जन लोगों को नौकरी दिए हुए है। वार्षिक टर्नओवर 25 लाख रुपया है।