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मजदूर की मौत के बाद सीमेंट फैक्ट्री में जांच:ग्रामीणों से ली घटना की पूरी जानकारी, प्रदूषण रोकने की व्यवस्था का भी लिया जायजा

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समस्तीपुर में तीन दिन पहले सीमेंट फैक्ट्री में झारखंड के एक मजदूर की दबकर मौत हो गई थी। इसको लेकर भाकपा माले और ऐक्टू (मजदूर संगठन) का संयुक्त 5 सदस्यीय जांच दल सोमवार को विधान परिषद सदस्य सह ऐक्टू के राष्ट्रीय सचिव शशि यादव, ऐक्टू राज्य सचिव रणविजय कुमार, ऐक्टू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एस के शर्मा, खेग्रामस जिला सचिव जीवछ पासवान, भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य बंदना सिंह और स्थानीय माले सचिव सुरेंद्र प्रसाद सिंह, आसिफ होदा, प्रभात रंजन गुप्ता, शंकर महतो, मो. क्यूम के नेतृत्व में सरसौना सीमेंट फैक्ट्री पर पहुंचा। जांच टीम ने स्थानीय मैनेजर से मिलकर विभिन्न बिंदुओं पर जांच की। जांच टीम ने घटनास्थल, फैक्ट्री के इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रदूषण रोकने की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। जिसके बाद टीम ने सरसौना वार्ड-13, नूराचक, मुर्गियाचक आदि से गिरफ्तार लोगों के परिजनों और स्थानीय ग्रामीणों से भी मुलाकात कर विस्तृत जानकारी ली। पुलिस ने लड्डू लाल सिंह, ममता देवी आदि जिनके घर में घूस कर पुलिस ने महिला-पुरुष की पिटाई की, उनसे और उनके परिजनों से भी मुलाकात की। स्थानीय ग्रामीणों ने निर्दोष लोगों का नाम एफआईआर में दर्ज करने, 150 अज्ञात लोगों के नाम पर पुलिस की ओर से स्थानीय लोगों को परेशान करने, पिटाई करने की शिकायत की। पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी दरअसल, मजदूर सूर्यकांत राम की मौत हुई थी। सदर अस्पताल ले जाने के बाद डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था। पुलिस कस्टडी से सेफ्टी मैनेजर शव लेकर फरार हो गया। मैनेजर शव को फैक्ट्री न ले जाकर फैक्ट्री से 20 किमी दूर वैशाली के डभैत चौर ले गया। इस दौरान ग्रामीणों को भनक लग गई। गांव वाले शव लेकर फैक्ट्री लौटे। जहां हंगामा हुआ, पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी। इस मामले में तीन मुकदमे दर्ज कर 6 लोगों को जेल भेजा गया। इसी सब बिंदुओं की जांच के लिए भाकपा माले की 5 सदस्यीय टीम जांच के लिए पहुंची। गिरफ्तारी पर रोक की मांग जांच टीम ने बताया कि पुलिस प्रशासन औऱ फैक्ट्री प्रबंधन पूरी तरह घटना के लिए जिम्मेवार हैं। यदि मृत्यु की खबर पुलिस प्रशासन को दे दी जाती। अस्पताल से शव लेकर कहीं फेंकने के ख्याल से सेफ्टी मैनेजर नहीं फरार होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। एफआईआर से निर्दोष का नाम हटाने, गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने इस मामले को लेकर सड़क से सदन तक संघर्ष चलाने, वरिय पुलिस अधिकारियों से मिलकर वार्ता करने की जानकारी दी ।

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