भागलपुर के मायागंज अस्पताल में शुक्रवार की देर रात जमकर बवाल हुआ। मरीज को मृत घोषित करने को लेकर परिजन ने पहले इमरजेंसी का गेट तोड़ा, फिर डॉक्टर की पिटाई कर दी। अस्पताल में तैनात सुरक्षाकर्मी ने रोकने की कोशिश की, तो उसकी भी पिटाई की गई। करीब डेढ़ घंटे तक परिजन ने जमकर बवाल किया और तोड़फोड़ की। इस पूरे बवाल के दौरान अस्पताल में मरीजों का इलाज बाधित रहा। उधर, बवाल की सूचना पर पांच थानों की पुलिस को अस्पताल आना पड़ा, तब स्थिति को काबू में किया गया। फिलहाल, किसी भी पक्ष की ओर से कोई आवेदन नहीं दिया गया है। मामला रात करीब 10:30 बजे का है। दरअसल, देर शाम को एक सड़क हादसे में नाथनगर रन्नूचक के रहने वाले 62 साल के टुनटुन साह और उनके दामाद बांका अमरपुर के रहने वाले 35 साल के कन्हाई लाल घायल हो गए। परिजन एंबुलेंस से दोनों घायलों को मायागंज अस्पताल ले आए। यहां डॉक्टरों ने तत्काल टुनटुन साह को मृत घोषित कर दिया, जबकि कन्हाई को एडमिट करने की बात कही। कहा जा रहा है कि जब परिजन दोनों घायलों को लेकर जा रहे थे, तब एंबुलेंस के पीछे-पीछे दोनों के दो दर्जन परिजन दो ऑटो से मायागंज अस्पताल पहुंचे। जब उन्हें मालूम हुआ कि डॉक्टरों ने टुनटुन साह को मृत घोषित कर दिया है, तो उन्होंने सबसे पहले एंबुलेंस पर तैनात इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन काे मारना शुरू कर दिया। उसके नाक व मुंह से खून निकलने लगा ताे वह भागकर बरारी थाने पहुंचा। वहां सूचना देने के बाद पुलिस जब तक पहुंचती, परिजन डॉक्टर आवेश के चेंबर घुस गए और फायर सिलेंडर से उनके सिर पर हमला कर दिया। डॉक्टर की पिटाई के बाद इमरजेंसी का गेट तोड़ा डॉक्टर आवेश की पिटाई के बाद परिजन और आक्रोशित हो गए। अस्पताल में तोड़फोड़ के इरादे से वे इमरजेंसी वार्ड के गेट पर पहुंचे। देर शाम होने की वजह से यहां मौजूद सुरक्षागार्ड ने गेट में कुंडी लगा दी थी। आक्रोशित परिजन जब गेट पर पहुंचे तो सुरक्षा गार्ड ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने सुरक्षा गार्ड की नहीं सुनी और जबरन गेट तोड़ दिया और सुरक्षा गार्ड के सिर पर वहां रखे टेबल से वार कर दिया। बवाल देख डॉक्टरों ने भी रोका काम, पुलिस ने समझाया ये सब होता देख अस्पताल में मौजूद डॉक्टर और अन्य अस्पताल कर्मी भी आक्रोशित हो गए और हंगामा कर रहे परिजन की पिटाई शुरू कर दी। इधर, सूचना मिलने के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर केके सिन्हा भी मौके पर पहुंचे। सूचना के बाद बरारी पुलिस भी पहुंची, जिसके बाद परिजनों ने अफसरों से भी धक्कामुक्की की। जब स्थिति गंभीर लगने लगी तो पुलिस ने मामले की सूचना आला अफसरों को दी। इसके बाद सदर एसडीएम धनंजय कुमार, सीटी डीएसपी अजय कुमार चौधरी एवं दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी अस्पताल पहुंचे। हंगामा के दौरान डॉक्टर ने इलाज बाधित कर दिया तो रात 12:00 तक डॉक्टर को समझा बुझाकर किसी तरह तैयार किया गया। घायल को बिना ऑक्सीजन के अस्पताल पहुंचाने का है आरोप परिजनों का आरोप है कि सड़क हादसे में घायल टुनटुन साह को एंबुलेंस पर तैनात इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने बिना ऑक्सीजन लगाए अस्पताल लेकर पहुंचा था। जब उन्हें एंबुलेंस में रखा जा रहा था, तब परिजन ने ऑक्सीजन मास्क लगाने की बात कही थी, तो इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने इसकी जरूरत नहीं होने की बात कही थी। अस्पताल आते ही डॉक्टरों ने टुनटुन साह को मृत घोषित कर दिया, तो परिजन भड़क गए और बवाल शुरू कर दिया। बवाल पर काबू पाने के लिए 5 थानों से पहुंची पुलिस मायागंज अस्पताल में बवाल की सूचना के बाद सबसे पहले बरारी पुलिस पहुंची। इसके बाद जोगसर, तिलकामांझी, इशाकचक और जीरोमाइल थाना के थानाध्यक्ष काे भी टीम के साथ आना पड़ा। दंगा नियंत्रण वाहन काे भी वहां बुलवाना पड़ा। सिटी डीएसपी ने चिकित्सकों से प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन की मांग की। साथ ही अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच कर दोषियों की पहचान करने की बात कही है।