बक्सर के बनारपुर में किसान महापंचायत का आयोजन किया गया। जिसमें बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह के अलावा पटना के विभिन्न कोने से किसान नेता पहुंचे हुए। इस दौरान कैमूर, रोहतास और बक्सर जिले के भी सैकड़ों किसान मौजूद रहे। किसानों ने कहा कि उचित मुआवजे मिले बिना भारत माला एक्सप्रेसवे और NH-319A के लिए अपनी जमीन नही देंगे। इस महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे धनपत चौधरी ने कार्यक्रम में मौजूद थर्मल पावर प्रभावित उन किसानों की प्रशंसा की। जिनके आंदोलन के कारण बिहार के किसान एकजुट हो रहे है और अपनी अधिकार की लड़ाई के लिए आगे आ रहे है। किसानों की मांग को मिली स्वीकृति किसानों के बीच पहुंचे बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों का मेहनत रंग ला रहा है। काफी प्रयास के बाद किसानों की वाटर पाइप लाइन का रास्ता बदलने की मांग स्वीकार हो गई है। किसानों की जमीन से होकर अब वाटर पाइप लाइन नहीं गुजरेगी। सुधाकर सिंह ने कहा कि रेल कॉरिडोर के लिए भी 137 एकड़ किसानों की जमीन अधिग्रहण होने वाली थी। लेकिन अब रेल कॉरिडोर मात्र 57 एकड़ की जमीन से होकर ही गुजरेगा। जिससे किसानों की 80 एकड़ जमीन बच गई। उन्होंने कहा की NH-319A के लिए बनारापुर गांव में जो एलाइमेंट बना हुआ है। इसमें किसी का घर ना टूटे इसके लिए भी प्रयास किया है और इसमें भी सफल जरूर होंगे। 60 करोड़ रुपए RNR के तहत होंगे खर्च सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि किसानों का 60 करोड़ रुपया आरएनआर के तहत खर्च करने के लिए आ चुका है। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले क्षेत्र के विकास के लिए ताप विद्युत घर से संबंधित आरएनआर पॉलिसी को लेकर बैठक होती थी। उस एजेंडा में किसान को रखा ही नहीं जाता था। उसमे केवल पैसे के बंदर बांट पर बहस होती थी।लेकिन हमने उसको बदल दिया है। विलेज डेवलपमेंट कमेटी का गठन उन्होंने बताया कि विलेज डेवलपमेंट कमेटी का गठन एक महीने के अंदर होगा। उन्होंने कहा की चौसा,बनरापुर,बेचनपुरावा ,महिनपुराव के लोगो के लिए किसान ,भवन,सामुदायिक भवन,और विवाह भवन एक साथ बनाया जाएगा। जिस शवदाह गृह को खारिज कर रहे थे। उसे हमने खारिज नहीं होने दिया, शवदाह गृह भी प्रभावित क्षेत्र में रहेगा। चौसा बालिका ऊंच विद्यलय और आदर्श हाई स्कूल का भी इस पॉलिसी के तहत मरम्मत का कार्य किया जायेगा।