भागलपुर के मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डाॅ. हेमशंकर शर्मा ने कहा है कि आयुष्मान भारत याेजना के तहत सात दिन में डाटा तैयार करें, अन्यथा कार्रवाई हाेगी, साथ ही इस याेजना के तहत अस्पताल के खाते में कितनी राशि जमा है, कितना खर्च हाे सका है। उसका भी ब्याेरा लेखापाल से मांगा है। उन्हें कहा है कि जितनी राशि खर्च नहीं हाे पाई है, उसे सरकार काे वापस करें। साथ ही इसकी वजह भी लिखित में दें कि राशि खर्च क्याें नहीं हाे सकी। इस पर लेखापाल अनिल कुमार आयुष्मान भारत याेजना का डाटा तैयार करनेवाली टीम काे लेकर अधीक्षक के पास पहुंच गए। अधीक्षक ने कहा कि हमे लिखित में चाहिए कि ये लाेग क्या कह रहे हैं, इसी अनुसार काम चाहिए। ये लाेग डाटा तैयार नहीं कर पाएंगे विभाग काे पत्र लिखकर भेज दिया जाएगा। वहीं, एजेंसी ने इसके लिए पहले दस दिन का समय मांगा, फिर कहा कि सात दिन के अंदर पूरा कर देंगे। मरीज के इलाज में लापरवाही नहीं, वरना लूंगा एक्शन इधर, नर्सिंग व्यवस्था में सुधार काे लेकर मैट्रन रीता कुमारी काे अस्पताल प्रबंधन ने खुली छूट दी है। अधीक्षक डाॅ. हेमशंकर शर्मा ने उनसे कहा है कि हमे काम चाहिए। मरीजाें के इलाज में किसी तरह की लापरवाही की शिकायत न हाे, यह देखें। इसी काम के लिए हमलाेग यहां बैठे हैं, इसके बाद भी मरीजाें काे जाे सुविधाएं मिलनी चाहिए, वह नर्सिंग स्टाफ के चलते न मिले ताे गलत है। दरअसल एक नर्स की ड्यूटी इसीजी जांच में दी गई थी, लेकिन वह कुम्भ स्नान करने जानेवाली है। इसे लेकर उसने मेडिसिन के वार्ड इंचार्ज काे सहमति देने कहा ताे उसने कहा कि हम इसीजी जांच नहीं करेंगे। अगर वह जांच नहीं करेगी ताे दूसरी नर्स काे छुट्टी नहीं मिल सकेगी। इसे लेकर गुरुवार काे इसीजी करने वाली नर्स व मैट्रन रीता कुमारी खुद अधीक्षक के पास शिकायत लेकर पहुंची थी। अधीक्षक ने कहा कि आप लिखित में कार्रवाई का नाेट तैयार करें। अनुशासन में रहकर ही किसी काे काम करना है, नियम जाे कहता है वह किसी भी स्टाफ काे पूरा करना हाेगा। जाे भी स्टाफ आदेश नहीं मानेगा, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।