भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के सेवाओं के 150 वर्ष पूरे होने पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बैठक बुलाई। इसमें मौसम विभाग को लेकर सम्राट चौधरी ने कई सारे घोषणाएं की। उन्होंने बताया कि आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में पीएम मोदी की अध्यक्षता में अगले दो वर्षों के मिशन मौसम के लिए 2000 करोड़ की स्वीकृति दी है। पिछले 15 साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने मौसम पूर्वानुमान की सूचना देने के लिए कमांड सिस्टम बनाने और मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित करने में लगातार काम कर रही है। रोजगार के भी बढ़ेंगे अवसर उन्होंने बताया कि राज्य के महत्वपूर्ण शहरों में मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिससे जनता को मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी। अभी बिहार में केवल 5 नियमित डॉप्लर सिस्टम (पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया, और वाल्मीकिनगर) कार्यरत हैं। लेकिन, राज्य सरकार अन्य शहरों में भी नए मौसम विज्ञान केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मौसम विज्ञान केंद्रों की संख्या बढ़ने से न केवल राज्य में मौसम की भविष्यवाणी सटीक बताया जाएगा। बल्कि, नए रोजगार के मौके भी बनेंगे। गांव से बनना शुरू होगा मौसम विज्ञान केंद्र सम्राट चौधरी ने कहा कि 2008 में नेपाल के रास्ते 2 लाख क्यूसेक पानी बिहार की कोसी तथा सहायक नदियों में आया था, तब बाढ़ की तबाही से ध्वस्त हो गए थे। पूरा मिथिला डूब गया था। लेकिन, 2024 में 6.5 लाख क्यूसिक पानी आने पर भी ध्वस्त नहीं हुए। 100 साल पहले हमारे किसान बादल और हवा का रुख देख कर मौसम का अनुमान लगाते थे। पंचायत में मौसम केंद्र बनाने की शुरूआत करेंगे, इसका लाभ किसानों और कृषि विभाग को मिलेगा।