मुंगेर के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बिंदवाडा नवटोलिया में शनिवार की शाम एक सरकारी एम्बुलेंस चालक का शव उसके घर पहुंचा। मृतक की पहचान सोहन ठाकुर उर्फ सोनू भाई के रूप में हुई है। परिजन ने बताया कि मृतक सोहन ठाकुर लखीसराय जिले के बड़हिया अस्तपताल में सरकारी एम्बुलेंस का चालक था। 18 दिसंबर को वह अपने घर बिंदवाडा नवटोलिया ठाकुर टोला आया था। उन्होंने बताया कि गुरुवार 19 दिसंबर की दोपहर में चेतन मिश्रा और सोनू मंडल घर आया और सोहन को तारापीठ मंदिर पूजा करने के लिए चलने को कहा लेकिन उसने मना कर दिया। दोनों साथियों के बार-बार कहने पर सोहन जाने के लिए राजी हो गया। जिसके बाद तीनों सोनू मंडल की सीएनजी टैंपो से पश्चिम बंगाल तारापीठ चले गए। उन्होंने बताया कि 20 दिसंबर शुक्रवार की रात को कासिम बाजार थाना की पुलिस घर आकर जानकारी दी की सोहन ठाकुर का शव झारखंड के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में मिला है। पुलिस ने शव का फोटो दिखाया तो हमलोगों ने कपड़ा से पहचान कर ली। सोहन की कूच-कूचकर हत्या की गई है, जिसके वजह से उसका चेहरा पहचान में नहीं आ रहा है। असरगंज थाना क्षेत्र से आरोपी गिरफ्तारी परिजनों ने बताया कि सोनू मंडल और चेतन मिश्रा को झारखंड पुलिस ने शनिवार को मुंगेर जिले के असरगंज थाना से गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद सोनू मंडल चेतन मिश्रा को लेकर अपने नानी घर असरगंज चला गया था। आरोपी चेतन मिश्रा शास्त्री नगर मोहल्ले का रहने वाला है और भागलपुर मायागज अस्तपताल में स्वास्थ्यकर्मी पद पर कार्यरत है। दूसरा आरोपी सोनू मंडल कुछ माह पहले ही एक मामले में जेल से छूट कर आया था और टैंपो चलाने का काम करता है। मृतक की बेटी सुप्रिया ने बताया कि शुक्रवार की दोपहर पापा से बात हुई थी, तो उन्होंने पूछा की ड्राइविंग लाइसेंस का कागज घर पर आया है कि नहीं। मैने कहा आ गया है, तो उन्होंने बोला उसे संभाल कर रख देना हम रास्ते में है घर आ रहे है। इसके कुछ देर बाद पापा को कई बार फोन किया,फोन में रिंग भी हुआ लेकिन वो फोन नहीं उठाए। जिसके बाद शुक्रवार की शाम पुलिस ने घर आकर जानकारी दी की उनका शव मिला है। उन्होंने बताया कि छह माह पूर्व गाड़ी चलाने को लेकर सोनू मंडल और पापा के बीच में विवाद हुआ था। लेकिन बाद में मामला खत्म हो गया, जिसके बाद सभी लोगों का घर पर आना जाना लगा रहता था। ।