मुजफ्फरपुर शहर में AQI का ग्राफ बढ़ने के कारण जिला प्रशासन ने कई कदम उठाए हैं। AQI का स्तर 311 पर पहुंच गया है, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। AQI के इस स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, वाहनों के उपयोग को कम करने और औद्योगिक इकाइयों को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और AQI के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करें। शहर की खराब हो रही हवा की कई वजह हैं। सड़क और नाला के साथ बड़े-बड़े बिल्डिंग का निर्माण काम हो रहा है। ये भी एक बड़ी वजह है कि प्रदुषण में बढ़ोतरी हुई है। शहर में 41 भवन को चिह्नित किया गया है। ग्रीन कवर कर बिल्डिंग का निर्माण करना है। लेकिन, ऐसा हो नहीं रहा है। इसको लेकर पॉल्यूशन बोर्ड ने कार्रवाई के लिए पत्र डीएम और नगर आयुक्त को लिखा है। इसमें शहर की हवा को प्रदूषित कर रहे तीन दर्जन से अधिक नव निर्मित बिल्डिंग की सूची भी दी है। 41 भवनों को किया चिह्नित नगर निगम के स्तर से भी शहर के विभिन्न हिस्से में निर्माण हो रहे 41 भवनों को चिह्नित किया गया है। नगर निगम, स्मार्ट सिटी सहित अन्य योजनाओं से सड़क और नाला का निर्माण काम चल रहा है। इसमें भी मानक का ख्याल रखते हुए निर्माण कराने का सुझाव दिया है। फिलहाल, शहर के स्टेशन रोड, लक्ष्मी चौक, सिकंदरपुर मन मरीन ड्राइव रोड सहित चक्कर मैदान इलाके में निर्माण काम चल रहा है। यहां पहले से ही काफी धूल कण है। निर्माण होने से स्थिति काफी खराब हो गई है। पूरे दिन इन इलाके में धुंध जैसी स्थिति होती है। धूल के कारण चक्कर मैदान, यूनिवर्सिटी, नारायणपुर रोड, मिठनपुरा सहित आसपास के इलाके में तो लोगों को सुबह-शाम टहलना मुश्किल हो गया है। धूल के कारण अंधेरे जैसी स्थिति होती है। सड़कों पर सुबह-शाम पानी का छिड़काव पूरे मामले को लेकर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बताया कि नगर निगम की तरफ से शहर की सड़कों पर सुबह-शाम पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। दो-दो वाटर स्प्रिंकलर गाड़ियों लगाई गयी हैं। लेकिन, पानी का छिड़काव रात में होता है। इससे दिन में सड़कों पर धूल उड़ते रहता है। छिड़काव से भी कोई फायदा नहीं मिल रहा है। स्टेशन रोड में ज्यूडिशियल कॉलोनी के सामने बस स्टैंड तक काफी स्थिति खराब है। धूल के कारण इस रास्ते से चलना मुश्किल है। शहर के कई अन्य इलाके में काफी धूल कण उड़ रहा है। इससे भी लोगों को काफी परेशानी हो रही है। प्रदूषण कंट्रोल को लेकर सभी उपाय किए जा रहे है। ठंड के मौसम में वैसे भी प्रदूषण का ग्राफ बढ़ जाता है प्रदूषण नियंत्रण को लेकर शहर के हरित आवरण को भी बढ़ाया जा रहा है।