विश्व प्रसिद्ध वैशाली व पूर्वी चंपारण के केसरिया को रेल नेटवर्क से जोड़कर भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेलवे 2066 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। नई रेललाइन प्रोजेक्ट से ऐतिहासिक नगरी वैशाली व राजधानी पटना आपस में जुड़ी। आजादी के 75वें वर्ष पर दानापुर से वैशाली के लिए ट्रेन चली। लेकिन, अचानक रेलवे ने दोनों स्टेशन के बीच चल रही एकमात्र पैसेंजर ट्रेन बंद कर दी। रेलवे का कहना है कि इस ट्रेन को पैसेंजर नहीं मिल रहे हैं, जिससे टिकट बिक्री बहुत कम है। दानापुर व वैशाली के बीच चलने वाली सवारी गाड़ी 03305/06 दिसंबर से नहीं चल रही है। दानापुर व वैशाली के बीच बीते सात अक्टूबर से सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू हुआ। वैशाली के अलावा लालगंज व सरैया के लोगों का सपना आजादी के अमृत वर्ष पर पूरा हुआ था। लेकिन, ट्रेन ठीक से दो माह भी नहीं चल सकी। ट्रेन चलने से सबसे अधिक खुशी विद्यार्थियों में थी। इसके अलावा इलाज व रोजगार के लिए बड़ी संख्या में लोग पटना से आवाजाही करते थे। पौने तीन घंटे में ट्रेन दानापुर व वैशाली के बीच 61 किमी की दूरी तय करती थी। ट्रेन परिचालन बंद होने से चिकित्सा, शिक्षा व सरकारी कार्यों से पटना जाने के लिए ग्रामीणों को अब बस ऑपरेटरों को मनमाना किराया चुकाना पड़ रहा है। दानापुर व वैशाली के बीच स्पेशल ट्रेन चल रही थी। टिकट की बिक्री बहुत कम होने के कारण सवारी ट्रेन बंद करनी पड़ी। -विवेक भूषण सूद, डीआरएम, सोनपुर रेल मंडल 20 साल पूर्व हाजीपुर-सुगौली रेल लाइन प्रोजेक्ट को मिली थी मंजूरी हाजीपुर-सुगौली नई रेललाइन परियोजना को केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2003-04 में मंजूरी दी थी। 148 किमी लंबी हाजीपुर-सुगौली नई रेललाइन परियोजना के तहत करीब 50 किमी रेललाइन बन चुकी है। परियोजना पूरी होते ही मुजफ्फरपुर व पूर्वी चंपारण के कई इलाकों में रेल परिचालन शुरू हो जाएगा। इसके पहले 10 अप्रैल 2020 को घोसवर व वैशाली के बीच 30 किमी रेललाइन पर ट्रेन परिचालन शुरू हुआ। दानापुर-वैशाली मेमू पैसेंजर स्पेशल 7 अक्टूबर से 31 दिसंबर के बीच प्रतिदिन चलनी थी। लेकिन, बीच में ही रेलवे ने ट्रेन चलाने से हाथ खड़े कर दिए।