किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। राजगीर में जल्द ही एक अत्याधुनिक मिट्टी जांच प्रयोगशाला की स्थापना की जा रही है, जिस पर लगभग 75 लाख रुपए का निवेश किया जा रहा है। यह प्रयोगशाला ई-किसान भवन में स्थापित की जा रही है, जो किसानों को मिट्टी परीक्षण की सुविधा घर के नजदीक उपलब्ध कराएगी। नई प्रयोगशाला में वार्षिक 10,000 मिट्टी के नमूनों की जांच की क्षमता होगी। इससे सिलाव, बेन, राजगीर, गिरियक और कतरीसराय प्रखंडों के खेतों से लाए गए नमूनों की जांच की जा सकेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब किसानों को जिला मुख्यालय बिहारशरीफ का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। प्रयोगशाला में स्थापित होने वाले उपकरणों में ऑटोमैटिक ऑक्सीजन एनालाइजर, फ्लेम फोटोमीटर, नाइट्रोजन एनालाइजर, स्पेक्ट्रोमीटर और पीएच मीटर जैसे आधुनिक उपकरण शामिल हैं। इन उपकरणों से पीएच, जैविक कार्बन, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक, बोरॉन, आयरन और मैंगनीज जैसे 12 पैरामीटर्स की जांच की जा सकेगी। प्रयोगशाला की मशीनें राजगीर पहुंच चुकी जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला के वैज्ञानिक दुर्गा रंजन के अनुसार, “नई प्रयोगशाला के कार्यान्वयन से स्वचालित हेल्थ कार्ड बनाने में काफी सहूलियत होगी। प्रयोगशाला की मशीनें राजगीर पहुंच चुकी हैं और शेष उपकरण भी जल्द ही आ जाएंगे।” प्रयोगशाला में तकनीकी कार्यों के लिए एक सहायक तकनीकी प्रबंधक और एक प्रयोगशाला तकनीशियन की नियुक्ति की जाएगी। स्थायी तौर पर जांच कर्मियों की तैनाती के लिए सरकारी स्तर पर प्रक्रिया जारी है। यह पहल किसानों को समय पर मिट्टी की गुणवत्ता का पता लगाने और उचित कृषि निर्णय लेने में मदद करेगी, जिससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि की जा सकेगी।