पटना पुस्तक मेला में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की लिखी 10 पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। बिहार सपना और सच, झारखंड संपन्न धरती उदास बसंत, झारखंड चुनौतियां भी अवसर भी, राष्ट्रीय चरित्र का आइना, भविष्य का भारत, पतन की होड़, सरोकार और संवाद, अतीत के पन्ने, ऊर्जा के उत्स और समर के शेष पुस्तकों का लोकार्पण हुआ। पुस्तक का लोकार्पण पूर्व डीजीपी डी.एन. गौतम, पूर्व मुख्य सचिव बी.एस दुबे, बिहार म्यूजियम के अपर निदेशक अशोक कुमार सिन्हा, विनय कुमार के द्वारा किया गया। इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी मौजूद रहे। उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए अनंत विजय ने कहा इस पुस्तक से नए पाठक और पत्रकारों का ज्ञान बढ़ेगा। हम सब इस पुस्तक से हरिवंश जी के अनुभव से ज्ञानवर्धन करेंगे। मोबाइल को छोड़कर हमलोगों को पुस्तकालय में जान होगा। खुदा बख्श लाइब्रेरी के पूर्व निदेशक इम्त्याज अहमद ने कहा कि 1857 का विद्रोह अपने असफलता के बाद भी हमारा स्वर्णिम काल था। पत्रकारिता का योगदान आजादी से लेकर अभी तक महत्वपूर्ण है। संस्कृति कर्मी विनय कुमार ने कहा कि हरिवंश जी दार्शनिक पत्रकार हैं।