लखीसराय में पहली बार राज्य स्तरीय ट्रैकिंग सह नेचर स्टडी प्रोग्राम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम 18 से 22 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें बिहार के 38 जिलों के 250 स्काउट-गाइड छात्र भाग लेंगे। इस आयोजन का उद्देश्य लखीसराय जिले के पुरातात्विक महत्व, धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक संपदाओं का अध्ययन और अनुभव करना है। जिला संगठन आयुक्त मृत्युंजय कुमार ने बताया कि बिहार राज्य भारत स्काउट-गाइड के वार्षिक कार्यक्रम के तहत लखीसराय जिले को नेचर स्टडी सह ट्रैकिंग कैंप की जिम्मेदारी दी गई है। यह आयोजन जिला प्रशासन के संरक्षण में किया जा रहा है। सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों की दी जाएगी जानकारी जिला अधिकारी मिथिलेश मिश्र ने कहा कि इस कार्यक्रम से न केवल स्काउट-गाइड के बच्चों को जिले की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों की जानकारी मिलेगी, बल्कि यह लखीसराय के पर्यटन और पुरातत्व को भी बढ़ावा देगा। पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागी लखीसराय जिले के कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का भ्रमण करेंगे। इनमें बिछवे पहाड़, सहूर गांव स्थित रामेश्वर धाम, श्रृंगी ऋषि धाम, जलप्पा स्थान, अशोक धाम और राजकीय स्मारक लाल पहाड़ी प्रमुख हैं। इसके अलावा, स्काउट-गाइड के बच्चे प्रकृति को करीब से समझने के लिए विशेष अध्ययन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों के रहने और भोजन की व्यवस्था नगर भवन लखीसराय, उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोरवे डैम, उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिमरातड़ी कोडासी, और आर. लाल प्लस टू उच्च विद्यालय लाखोचक में की गई है। कार्यक्रम का समापन 22 दिसंबर को अशोक धाम मंदिर प्रांगण में आयोजित कैंप फायर नाइट के साथ होगा। इस दौरान स्काउट-गाइड बच्चे अपने अनुभव साझा करेंगे और अपने द्वारा किए गए अध्ययन का प्रस्तुतीकरण देंगे। यह आयोजन न केवल बच्चों को लखीसराय की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संपदा से परिचित कराएगा, बल्कि उनमें पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक समझ के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा।