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विश्व कवि के रूप में जाने जाते हैं विद्यापति

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भास्कर न्यूज |सहरसा स्थानीय पीजी सेंटर के पश्चिमी परिसर स्थित मैथिली विभाग में गुरुवार को विद्यापति स्मृति दिवस मनाया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ कुलानंद झा ने कहा कवि विद्यापति जनकवि के साथ साथ युगद्रष्टा थे। उन्होंने कहा कि विद्यापति भारत ही नहीं,अपितु विश्व कवि के रूप में जाने जाते हैं। प्रो डॉ रामनरेश सिंह ने कहा कि महाकवि विद्यापति बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। डॉ लाला प्रवीण ने कहा महाकवि विद्यापति की रचना मैथिली भाषा के साथ साथ हिंदी भाषा में भी पढ़ाई जाती है। उन्होंने कहा कि मैथिली को जो पहचान मिलनी चाहिए, वह अब तक नहीं मिल सका है। डॉ उदय कुमार ने कहा कि विद्यापति की पदावली स्कूल व महाविद्यालय की कक्षाओं में पढ़ाई जाती है। डॉ गीता कुमारी ने कहा कि विद्यापति की अधिकतर रचनाएं संस्कृत भाषा में है। इनके द्वारा रचित गीत जन जन के कंठ में बसती है। डॉ अनिमा ने कहा कि विद्यापति को मैथिली भाषा का सूरदास कहा जाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता और संचालन डॉ अरुण कुमार सिंह एवं धन्यवाद भाषण डॉ रमण कान्त चौधरी द्वारा दिया गया। कार्यक्रम में डॉ प्रीति गुप्ता, डॉ प्रशान्त कुमार मनोज, सत्य प्रकाश सहित अन्य शामिल हुए।

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