“वो दरिंदा है, उसने चार महीने पहले मेरे साथ भी दरिंदगी करने की कोशिश की थी। दुर्गा पूजा का मेला घूमाने का लालच दे रहा था, पैसे दे रहा था। मैंने तब उसे गालियां दी थीं। कहा था- तुम्हारे घर में मां बहन नहीं है क्या?” -आरा रेप-मर्डर पीड़िता की बड़ी बहन आरा में रेप के बाद नाबालिग की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उसके शरीर पर 10 जगह गंभीर चोट के निशान थे। लड़की खून से लथपथ बेड के नीचे पड़ी थी। इस घटना के बाद गांव वालों ने आरोपी नारायण साह की जमकर पिटाई की। इसके बाद पुलिस को सौंप दिया। दैनिक भास्कर की टीम पीड़िता के घर पहुंची और आसपास के लोगों से बातचीत की। इसमें आरोपी के बारे में जो बातें सामने आई, वो चौंकाने वाली हैं। घर पर नाबालिग की बड़ी बहन मिली। उसने बताया- आरोपी ने एक नहीं, दो बार मुझे भी अपना शिकार बनाने की कोशिश की थी। पहली बार उसने मुझे रक्षाबंधन के वक्त घेरने की कोशिश की थी। उस वक्त भी मैंने उसे धमकाया था और चप्पल से उसकी पिटाई की बात कही थी। मैंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया, सोचा कि घर वाले परेशान हो जाएंगे। कुछ दिनों बाद सब कुछ ठीक हो गया था, लेकिन मुझे क्या पता था कि उसकी गंदी नजर अभी भी उस पर है। मुझे पता होता तो मैं कभी बहन को छोड़कर नहीं जाती उसने बताया- कुछ दिनों बाद जब दुर्गा पूजा का वक्त आया तो आरोपी ने एक बार फिर से अपनी हरकत को दोहराया। उसने मुझे रुपए का लालच दिया और दुर्गा पूजा मेला घूमाने की बात कही। मैंने उस वक्त भी उसे गालियां दी, बुरा भला कहा और पूछा कि क्या तुम्हारे घर में मां बहन नहीं है। उसने कहा कि घटना के बाद छठ पूजा के लिए मैं अपनी मौसी के घर चली गई थी। लेकिन, मुझे क्या पता था कि ये दरिंदा मेरी छोटी बहन को अपना शिकार बना लेगा, उसकी नजर मेरी बहन पर भी है। अगर ये मुझे पता होता, इसका अहसास मुझे होता, तो मैं कभी भी उसे छोड़कर मौसी के घर नहीं जाती। रोते हुए मृतका की बहन ने कहा कि अब उसने मेरी छोटी बहन को ही अपना शिकार बना लिया। ‘पलंग के नीचे देखा, तो मेरी बेटी मर चुकी थी’ मृतका की मां भी बेटी की मौत के बाद बेसुध थी। काफी पूछने के बाद वो थोड़ी होश में आई और रोते हुए एक ही रट लगाए जा रही थी कि वकीलवा (आरोपी का पुकार का नाम) हमार बेटी के मार देलस (वकील ने मेरी बेटी की हत्या कर दी)। नाबालिग की मां ने बताया- देर शाम को मैंने छोटी बेटी को कहा कि आज रोटी के साथ सब्जी या भुजिया बना लेंगे। एक काम करो, तुम दुकान से आटा लेकर आ जाओ। मैंने उसे दुकान पर भेज दिया। करीब 10 मिनट के बाद जब मेरी बेटी आटा लेकर आई, तो वो जल्दी में थी। उसने आटा रखा और कहा कि वकीलवा बुला रहा है। फिर वो तेजी से चली गई। जब काफी देर हो गई, तो मैंने अपनी पति को कहा कि आप जाकर देखिए कि वो कहां है, अभी तक घर नहीं लौटी। मेरे पति ने उसे ढूंढा, लेकिन वो नहीं मिली। फिर मैं आरोपी के घर पहुंची, उसने दरवाजा खोला और गुस्से में कहा कि क्या बात है? जब मैंने उससे अपनी बेटी के बारे में पूछा तो उसने कहा कि तुम्हारी बेटी यहां नहीं आई है। मैंने सोचा कि कहीं खेलने के बहाने वो किसी और के घर चली गई होगी। फिर थोड़ी देर बाद जब मन नहीं माना तो मैं फिर से आरोपी के घर पहुंची और इस बार दरवाजा खुलते ही उसके घर के अंदर पहुंच गई। मैंने छत पर खोजा, घर के अंदर खोजा, लेकिन नहीं मिली। शाम का वक्त था, आरोपी ने शराब पी हुई थी, लिहाजा नशे में वो बिजली के बल्ब को बंद कर रहा था, जला रहा था। मैंने उससे कहा कि बल्ब बंद क्यों कर रहे हो, इसे जलाओ। आखिर में पता नहीं मेरे दिमाग में क्या आया, मैंने पलंग के नीचे देखा तो उसने मेरी बच्ची को मारकर पलंग के नीचे छिपा दिया था। आरोपी बार-बार बदलता रहा बयान, आखिर में बोला- हां शराब पी थी जब भास्कर की टीम ने आरोपी के बारे में पता किया, तो जानकारी मिली कि उसे रात को ही मोहल्ले वालों ने जमकर पीटा, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट किया है। उससे पूछताछ करने पर पहले तो वो लगातार बयान बदलता रहा। घटना को दो दिन पुराना बताता रहा, लेकिन आखिर में उसने स्वीकार कर ही लिया कि उसने शराब पी है। लेकिन, बच्ची के साथ रेप और हत्या की बात को वो नकारता रहा। उसने कहा- हां मैंने शराब पी थी, लेकिन मैंने कुछ नहीं किया है, वो मेरे घर के अंदर कैसे पहुंची, मुझे नहीं पता, जो भी रेप और हत्या का आरोप मुझ पर लगा रहे हैं, वो सरासर गलत है। घटना वाले दिन मैं घर आया, दरवाजे का ताला खोला और अंदर पहुंचा। अंदर देखा तो लड़की तड़प रही थी, जब तक उससे पूछता और समझता कि अंदर क्या हुआ है, लड़की की मौत हो गई। ये सब देख मैं डर गया। इसके बाद मैं सोचने लगा कि अब क्या करूं? फिर उसकी लाश को पलंग के नीचे छिपा दिया। आरोपी ने कहा कि इसके बाद बच्ची की मां दो बार आई, घर की तलाशी ली और चली गई। तीसरी बार आई, तो उसे डाउट हुआ, उसने बल्ब जलाने को कहा और देखा कि पलंग के नीचे उसकी बच्ची की लाश पड़ी है। उसने मुझसे पूछा, लेकिन मैंने जो सच था। बता दिया कि मैं अंदर आया तो ये छटपटा रही थी। इसकी हत्या मैंने नहीं की। डरकर लाश छुपा दी थी जब उससे लाश छिपाने के मकसद के बारे में पूछा गया तो कहा कि मैं तो डर गया था। मैंने सोचा कि सुबह होगा तो माहौल शांत हो जाएगा। इसके बाद मैं उसके घर वालों को बता दूंगा कि मेरे घर में उसकी लाश पड़ी थी। न मैंने उसकी हत्या की और न ही लाश को ठिकाने लगाने के बारे में सोच रहा था। पहली बार पत्नी ने ही जेल भेजवाया आरोपी ने बताया कि जो लोग मुझ पर मेरी पहली पत्नी की हत्या का आरोप लगा रहे हैं, वो गलत है। मेरी दूसरी पत्नी ने भी अनैतिक फिजिकल रिलेशन की कोशिश के आरोप लगाए हैं, वो गलत है। मैंने न पहले कुछ गलत किया था, न अब कुछ गलत किया है। पहली पत्नी की हत्या नहीं हुई थी, बल्कि वो गैस सिलेंडर से जलकर मरी थी। इसके कुछ साल के बाद मेरी पत्नी के ही माता पिता ने अपनी दूसरी बेटी से मेरी शादी कराई, जो अब मेरे छोटे भाई के साथ पंजाब में रहती थी। वो क्यों उसके साथ रहती है, वही बता सकती है। मैं शराब पीता था, मेरी दूसरी पत्नी ने ही मारपीट का आरोप लगाकर मुझे जेल भिजवा दिया था। उस वक्त मैंने 30 दिन के करीब सजा काटा थी। ऐसे लोग पीडोफीलिया के शिकार होते हैं, जानें ये क्या होता है मनोचिकित्सक डॉक्टर वीणा सिंह ने बताया कि ‘अधिकतर रेप केस में आरोपी किसी न किसी नशा में होता है। सभी आरोपियों में एक समानता होती है कि अपने कुकर्म का उन्हें किसी भी तरह का अफसोस नहीं होता है। इनके अंदर सामाजिक मर्यादा नहीं होती है, जिससे कारण इन्हें एंटी सोशल कहते हैं। नशे में सेक्सुअल डिविएशन होता है, जिसके करण इस तरह की वारदातों को अंजाम देने वालों को लगता है कि कुछ अलग ट्राई करने पर ज्यादा एंजॉय किया जा सकता है।’ रेपिस्ट छोटी बच्चियों को इसलिए टारगेट करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि छोटी बच्चियां शर्म के कारण अपने घर पर कुछ नहीं बताएगी। इनसे ज्यादा एंजॉय किया जा सकता है। बच्चियां कमजोर होती हैं, तो ये ज्यादा विरोध नहीं करेंगी और इनके साथ जबरदस्ती किया जा सकता है। ये पीडोफीलिया के शिकार होते हैं। इसे बाल यौन शोषण भी कहा जाता है। यानी इससे शिकार व्यक्ति एक बच्चे या बच्चों के साथ शारीरिक संबंध बनाने की कल्पना करता है। क्या है मामला भोजपुर में 9 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या की गई। आरोपी दुष्कर्म के बाद तब तक बच्ची को मारता रहा, जब तक वो मर नहीं गई। वारदात सोमवार देर शाम की है। जहां पड़ोस के मुंह बोले चाचा ने बहाने से बच्ची को अपने घर बुलाया। रेप करने के बाद पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी। बच्ची के शरीर पर 10 से ज्यादा घाव भोजपुर सिविल सर्जन के निर्देश पर पोस्टमॉर्टम के लिए 3 डॉक्टर्स की टीम बनाई गई। शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है कि बच्ची के शरीर पर 10 से ज्यादा जख्म के निशान थे। बच्ची के गर्दन, मुंह, नाक, गाल पर जख्म के निशान मिले हैं। इसके अलावा, आंख के नीचे, दोनों भौहों के बीच ललाट पर सूजन और दोनों पैर पर खून के निशान पाए गए हैं। पुलिस ने भी रेप के बाद मुंह और गला दबाकर हत्या की आशंका जताई है। अब जान लीजिए, पीड़िता की मां ने FIR में क्या-क्या कहा? नगर थाना अध्यक्ष देवराज राय ने बताया कि आरोपी नारायण साह के सिर और चेहरे पर चोटें आई हैं। फिलहाल, डॉक्टरों की टीम पुलिस कस्टडी में आरोपी का इलाज कर रही है। आरा सदर अस्पताल के डॉक्टरों की ओर से छुट्टी दिए जाने के बाद आरोपी को पेशी के लिए कोर्ट में ले जाया जाएगा। पीड़िता की मां के बयान के आधार पर FIR दर्ज कर लिया गया है। पुलिस की जांच जारी है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आते ही आगे की कार्रवाई होगी। ——————— आरा रेप कांड से जुड़ी इस खबर को भी पढ़िए… 9 साल की बच्ची से रेप, मरने तक पीटा:शरीर पर सूजन-दांत काटने के निशान, परिजनों का हंगामा, आरोपी को फांसी देने की मांग पांचवी क्लास की छात्रा के चेहरे पर दांत से काटने के निशान हैं। वहीं दीवार में मारने की वजह से उसके पूरे सिर में सूजन हो गया। आरोपी ने अपने घर के दस बाय दस के अंडर ग्राउंड कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची को पीटकर पटक-पटककर उसकी हत्या की गई। घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन और पड़ोस के लोगों ने आरोपी को जमकर पीटा और उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। आरोपी को पुलिस कस्टडी में इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल में भर्ती किया गया है। पूरी खबर पढ़ें