19 सितंबर 2024, दोपहर 1.20 बजे ‘मेरे प्रिय बिहार, पिछले 18 वर्षों से सरकारी पद पर अपनी सेवा देने के बाद आज मैंने पद से इस्तीफा दे दिया। इन सभी वर्षों में मैंने बिहार को खुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है। अगर मेरे बतौर सरकारी सेवक के कार्यकाल में कोई त्रुटि हुई हो तो मैं उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं। मैंने आज भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है, परन्तु मैं बिहार में ही रहूंगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी। जय हिन्द।’ बिहार में सिंघम नाम से चर्चित 2006 बैच के IPS शिवदीप वामनराव लांडे ने जैसे ही ये पोस्ट अपने X हैंडल पर डाली, पुलिस महकमा से लेकर मीडिया के गलियारे तक में हड़कंप मच गया। तरह-तरह की चर्चा होने लगी। लांडे के इस ऐलान के आज 99 दिन बीत गए, लेकिन अब तक उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है। उनकी फाइल पटेल भवन (पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग) में अप एंड डाउन हो रही है। इस बीच उनका एक बार तबादला भी हो गया है। CM सचिवालय के सूत्रों की माने तो लांडे का इस्तीफा रिजेक्ट कर दिया गया है। इसलिए प्रक्रिया लंबी चल रही है। लांडे की फाइल कहां तक पहुंची, इस्तीफा मंजूर नहीं होने पर उनके पास क्या ऑप्शन है? नियम क्या कहता है? आदि सवालों का जवाब इस स्टोरी में जानिए… निगरानी से OK, गृह विभाग में फाइल हो रही मोटी पुलिस मुख्यालय ने IPS लांडे के इस्तीफे के पत्र को गृह विभाग को भेज दिया है। वहां अब उनकी फाइल धीरे-धीरे मोटी होती जा रही है। फाइल कभी प्रधान सचिव के पास तो कभी डीलिंग असिस्टेंट के पास अप एंड डाउन हो रही। पटेल भवन में ही तीसरी मंजिल से 5वीं मंजिल पर अप एंड डाउन हो रही है। बताया जा रहा है कि गृह विभाग अलग-अलग विभागों से NOC ले रहा है। सूत्रों की माने तो निगरानी विभाग ने NOC दे दी है। निगरानी ने कहा है- उन पर किसी तरह की निगरानी जांच नहीं मिली है। इसके अलावा उनके अन्य विभाग से हिसाब किताब किया जा रहा है। CM तक नहीं पहुंची फाइल, गृह विभाग प्रमोशन में व्यस्त सीएम सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक, अब तक फाइल राज्य सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के पास नहीं भेजी गई है। इस्तीफा रिजेक्ट कर दिया गया है। इसलिए प्रक्रिया लंबी होगी। प्रोसेस के दौर से गुजर रहा है। सीएम सचिवालय की माने तो केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजने में अभी समय लगेगा। वहीं, गृह विभाग इन दिनों IPS के प्रमोशन में व्यस्त है। दिसंबर IPS अफसरों के प्रमोशन का वक्त होता है। SSP से लेकर DG स्तर के अफसरों का प्रमोशन ड्यू होता है। इन्हें निपटाने के बाद ही शिवदीप लांडे के फाइल पर काम होगा। अब आगे क्या… लांडे को मार्च 2025 तक करना होगा इंतजार IPS शिवदीप लांडे को अभी राज्य सरकार के फैसले का इंतजार करना होगा। इस्तीफे के 6 महीने बाद ही उनके लिए कानूनी रास्ता खुलेगा। जानकारों की माने तो अगर सरकार उनके इस्तीफे को ऐसे ही टालती रही तो वो 6 माह बाद कैट (CAT) जा सकते हैं। उनका 6 माह मार्च 2025 में पूरा होगा। रिटायर्ड IAS और कैट के सदस्य रहे अधिकारी बताते हैं- किसी भी क्लास वन अफसर के पास रिजाइन देने का अधिकार है। बस शर्त यह है कि उन पर कोई निगरानी या फिर कार्रवाई नहीं चल रही हो। निगरानी जांच और विभागीय कार्रवाई के कारण राज्य सरकार सेवा से छोड़ नहीं सकती है। CAT (केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण) एक विशेष अदालत है, जो केंद्र सरकार के लिए काम करने वाले सिविल सेवकों की मदद करती है। यह नौकरियों से संबंधित समस्याओं और शिकायतों जैसे पदोन्नति, स्थानांतरण और सेवानिवृत्ति का समाधान करता है। यह एक अदालत की तरह काम करता है लेकिन नियमित अदालतों से अलग है। पेंशन से हो सकते हैं वंचित अगर अभी शिवदीप लांडे सेवा से बाहर जाएंगे तो उनको पेंशन का नुकसान हो सकता है। उनकी सेवा 20 साल पूरी नहीं हुई है। कैट के सदस्य रहे अधिकारी बताते हैं- उन्हें इंतजार करना चाहिए। दो साल बाद वह पेंशन के हकदार हो जाएंगे। दरअसल, IPS अधिकारी शिवदीप लांडे 2006 बैंच के अफसर हैं। इस्तीफे के ऐलान के 20 दिन बाद हुआ तबादला इस्तीफे के ऐलान के 20 दिन बाद 9 अक्टूबर को IPS लांडे का ट्रांसफर कर दिया गया। उनको पूर्णिया रेंज के IG से हटाकर ट्रेनिंग IG भेज दिया गया। जबकि, पटना के ट्रेनिंग IG राकेश राठी को पूर्णिया का IG बनाकर भेजा गया था। इस कारण बिहार में चर्चित हुए थे शिवदीप लांडे दुपट्टा ओढ़कर घूसखोर पुलिस कर्मी को पकड़ा था जनवरी 2015 में शिवदीप पटना के डाक बंगला चौराहे पर घूस मांग रहे इंस्पेक्टर सर्वचंद को फिल्मी अंदाज में दुपट्टा ओढ़कर पकड़ने के मामले में चर्चा में आए थे। यूपी पुलिस के इंस्पेक्टर सर्वचंद पर आरोप था कि वह पटना के दो व्यापारी भाइयों से एक पुराने केस को खत्म करने के लिए पैसे मांग रहे थे। इन दोनों भाइयों ने इसकी जानकारी तत्कालीन एसपी शिवदीप लांडे को दी। इसके बाद लांडे भेष बदलकर टी-शर्ट पहने और सिर पर दुपट्टा लपेटे इंस्पेक्टर सर्वचंद का डाक बंगला चौराहे पर इंतजार करने लगे। सर्वचंद जैसे ही घूस का पैसा लेने के लिए वहां पहुंचे, शिवदीप ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। हालांकि, सबूतों के अभाव में थोड़ी ही देर में सर्वचंद्र को छोड़ भी दिया गया। IPS काम्या मिश्रा भी सरकार के फैसले का कर रही इंतजार बिहार कैडर की 2019 बैच की IPS काम्या मिश्रा ने भी अपना इस्तीफा सरकार को भेजा है। वह लंबी छुट्टी पर चली गई है। उनके इस्तीफे पर भी अभी फैसला नहीं हुआ है। 5 अगस्त 2024 को उन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा सौंपा है। काम्या मिश्रा बिहार के दरभंगा में SP के तौर पर कार्यरत थीं। लेडी सिंघम के नाम से चर्चित काम्या मिश्रा ने 2019 में पहले प्रयास में ही UPSC क्रैक कर लिया था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा था- परिवार का बिजनेस है और वो अपने पापा के साथ काम करना चाहती हैं। वो अपने पेरेंट्स की इकलौती बेटी हैं और बिजनेस संभालने में उनका साथ देना चाहती हैं। डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय का इस्तीफा तुरंत हो गया था मंजूर बिहार के DGP रहे IPS गुप्तेश्वर पांडेय ने चुनाव लड़ने के लिए दो दो बार इस्तीफा दिया था। पहली बार 2009 में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया। तब वह भाजपा के टिकट पर बक्सर से चुनाव लड़ना चाहते थे। अंतिम समय में उनको टिकट नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था। दोबारा उन्होंने 2020 में वीआरएस के लिए आवेदन किया, जिसे CM नीतीश कुमार ने तुरंत मंजूर कर लिया। यहीं नहीं तीन महीने का नोटिस पीरियड के नियमों में ढील देकर इस्तीफा मंजूर किया गया था। ——————- शिवदीप लांडे से जुड़ी इस खबर को भी पढ़िए… IPS शिवदीप लांडे का इस्तीफा, कहा-बिहार में ही रहूंगा: यही मेरी कर्म भूमि सोशल मीडिया पर आईपीएस शिवदीप लांडे ने जब अपने इस्तीफे की बात कही तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वर्दी में तिरंगे को सलामी देते हुए तस्वीर शेयर करते हुए आईपीएस शिवदीप लांडे ने लिखा – मैंने बिहार को ख़ुद से और अपने परिवार से भी ऊपर माना है। आज भारतीय पुलिस सर्विस (IPS) से त्यागपत्र दिया है परन्तु मैं बिहार में ही रहूंगा और आगे भी बिहार मेरी कर्मभूमि रहेगी। पढ़ें पूरी खबर…