ईओयू कोर्ट ने नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया की गिरफ्तारी से लगी रोक को हटा दिया है। आर्थिक अपराध इकाई के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि परीक्षा लीक मामले में किसी भी शख्स का नाम सामने आता है तो फिर उसकी पूरी संपत्ति की जांच की जाएगी। साथ ही 10 साल की सजा और 1 से 10 करोड़ तक के फाइन भी वसूले जाएंगे। परीक्षा लीक गिरोह के सरगना पर आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए ईओयू कार्रवाई कर रही है। नीट, बीपीएससी समेत कई पेपर लीक मामले में शामिल संजीव मुखिया पर डीए का केस दर्ज किया गया था। इस वजह से 6 महीने से उसके ऊपर कार्रवाई करने पर रोक लगाई गई थी। ईओयू ने संजीव के खिलाफ सभी सबूतों को कोर्ट में पेश किया। जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगे रोक को हटा दिया है। कोर्ट में संजीव के खिलाफ वारंट और कुर्की की कार्रवाई के लिए आवेदन दिया है। कंप्यूटर से लेकर सर्वर तक की जांच की जाएगी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि ईओयू ने 2012 से अब तक10 पेपर लीक मामलों का अनुसंधान किया है। कुल 545 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। जिनमें से 249 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया गया है। बिहार में परीक्षा लीक मामलों को देखते हुए मॉडल एक्ट 2024 लाया गया था। जिसके बाद सीएचओ पेपर लीक केस सामने आया। इस मामले में आरोपियों पर इसी एक्ट के तहत धारा लगाया गया है। बिहार सरकार की ओर से जो एजेंसियां परीक्षा लेती हैं, उनको ईओयू कंसल्टेंसी प्रोवाइड कर रही है। अब ईओयू परीक्षा शुरू होने से पहले ऑनलाइन सेंटर्स की जांच करेगी। उसके कंप्यूटर से लेकर सर्वर तक की जांच होगी। परीक्षा कराने वाले संस्थान या सेंटर्स की संलिप्तता पेपर लीक मामले में पाई जाएगी तो उनकी चल और अचल संपत्ति को जब्त किया जाएगा। इस कारण से जो पैसा सरकार का बर्बाद होता है, उसको भी इन लोगों से ही वसूला जाएगा। 2005 से बिहार में पीएमएलए एक्ट लागू है। पिछले 10 से 12 सालों में जो भी पेपर लीक के मामले सामने आए है, इसमें संगठित होकर जो लोग शामिल हुए हैं। इन लोगों ने जो भी संपत्ति जमा किया है। इस संपत्ति को ईडी के माध्यम से जब्त किया जाएगा। 170 आरोपियों का डेटा बेस तैयार ईओयू के डीआईजी ने आगे कहा कि अभी तक जो प्रश्न पत्र लीक हुआ है, उनमें शामिल 170 आरोपियों का डाटा बेस तैयार कर लिया है। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा, गुजरात और महाराष्ट्र पुलिस से डिटेल लेकर प्रोफाइल तैयार किया गया है। ईओयू ने इस तरह के मामलों को 2 तरह से बांटा गया है। इसमें लोक सेवक और गैर लोक सेवक शामिल हैं। लोक सेवक के ऊपर पीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। साथ ही इनके ऊपर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। वहीं, गैर लोक सेवक के मामलों में नए मॉडल एक्ट के तहत कारवाई की जाएगी। जिसमें इनके चल और अचल संपत्ति को जब्त किया जाएगा।