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सक्षमता पास 8,000 शिक्षकों को नहीं मिला राज्यकर्मी का दर्जा:DPO और DEO के पास अटके आवेदन, जन्म तिथि और आधार अपडेट नहीं हुए

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सक्षमता परीक्षा पास होने के बावजूद राज्य में 8 हजार ऐसे शिक्षक है, जिनको राज्यकर्मी का दर्जा नहीं मिला है। ये शिक्षक पटना, भोजपुर, अरवल, सारण, मधेपुरा, सुपौल, बेगूसराय सहित 22 जिलों में कार्यरत है। इनका आधार , नाम, जन्मतिथि, पिता का नाम, मोबाइल नंबर जिला स्तर पर विभागीय लापरवाही के कारण अपडेट नहीं हुआ है। यह तब है जब शिक्षा विभाग की ओर से 10 हजार से अधिक शिक्षकों की गलतियों को अपडेट करने के लिए 29 अक्टूबर को ही जिलों को निर्देश दिया गया था। लेकिन मात्र 2 हजार शिक्षकों का मोबाइल नंबर, नाम, आधार संख्या ही अपडेट हुआ है। शेष आठ हजार शिक्षकों का मामला अटका हुआ है।
शिक्षकों का रिकॉर्ड अपडेशन का ज्यादातर मामला जिला प्रोग्राम अफसर (डीपीओ) और जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) के स्तर पर फंसा हुआ है। चार हजार शिक्षकों का डीपीओ और दो हजार का डीईओ के यहां रुका है। सबसे अधिक लापरवाही रोहतास, औरंगाबाद, वैशाली, कटिहार, बांका, खगड़िया, दरभंगा, नालंदा, समस्तीपुर, शिवहर, पूर्वी चंपारण जिले में हुई है। इन जिलों में विभाग की ओर से सौंपी गई सूची में से 80 से 99 प्रतिशत शिक्षकों का सर्विस रिकॉर्ड अपडेट नहीं किया गया। इसीलिए नियुक्ति अटकी हुई है। अभी अटकी हुई है 73 हजार शिक्षकों की काउंसिलिंग यह भी जानना जरूरी… काउंसलिंग में लेट तो देर से राज्यकर्मी बनेंगे शिक्षक कैसे नाम, मोबाइल नंबर गलत हुआ नियोजित शिक्षक को राज्यकर्मी बनने के लिए सक्षमता परीक्षा पास करना जरुरी है। ऐसे में समक्षता परीक्षा के दौरान शिक्षकों ने सभी प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर सहित अन्य कागज जिला स्तर पर शिक्षा विभाग को दिए थे। इसका रिकार्ड कंप्यूटर में दर्ज करना था। इसी स्टेज पर कई शिक्षकों के नाम, जन्मतिथि, आधार कार्ड की संख्या, पिता का नाम, स्पेलिंग, आयु आदि गलत अंकित हो गया। काउंसिलिंग के दौरान जब रिकॉर्ड का मिलान शुरू हुआ तो गड़बड़ी पकड़ में आई। नतीजा हुआ कि जिन शिक्षकों के जमा किए गए प्रमाण पत्र और वास्तविक प्रमाण-पत्र में मिलान नहीं हुआ, उनकी काउंसिलिंग नहीं हो सकी। निर्देश… ऐसे शि​क्षक भी ट्रांसफर के लिए कर सकते है आवेदन जिन शिक्षकों को आधार, जन्मतिथि, प्रमाण पत्र में गलतियों की वजह से नियुक्ति पत्र नहीं मिला है वे भी ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकते हैं। ट्रांसफर के लिए वाजिब कारण होना जरुरी है। जिसमें पति-पत्नी के दिव्यांग, मानसिक रोगी, गंभीर बीमारी के साथ ही स्कूल की घर से दूरी कारण है। 11 दिनों में अभी तक 70 हजार शिक्षकों ने ही ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। जानकारी के मुताबिक बिहार में लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षक हैं। इसमें 2 लाख से अधिक शिक्षकों ने दो चरण में सक्षमता परीक्षा पास किया है। ऐसे में नियोजित शिक्षकों को 3 मौका और दिया जाएगा। जिसके आधार पर वह सक्षमता परीक्षा पास कर सकेंगे। 22 जिलों के डीईओ को जारी हुआ है नोटिस बिहार माध्यमिक शिक्षा निदेशक योगेंद्र सिंह का कहना है कि शिक्षकों के आधार संख्या, नाम, जन्मतिथि को अपडेट करने के लिए जिला स्तर पर अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। ऐसे में समीक्षा के दौरान 22 जिलों के डीईओ को चेतावनी भी दी गई है। इसके बाद यदि शिक्षकों के रिकॉर्ड को अपडेट नहीं किया गया, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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