मुंगेर सदर अस्पताल के पीकू वार्ड में 12 दिसंबर को एक अज्ञात व्यक्ति 12 वर्षीय बालक को सदर अस्पताल में इलाज के लिए छोड़ कर चला गया। बालक ने अस्पताल कर्मियों बताया कि वह यूपी के झांसी का रहने वाले है, मेरा नाम रितेश कुमार है और मेरे पिता का दीपचंद कुमार है। बालक की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, जहां डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए लिखा और उसे तत्काल इलाज के लिए सदर अस्पताल के पीकु वार्ड में भर्ती कर दिया। स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने बालक का अल्ट्रासाउंड नहीं करवाया। जब अज्ञात बालक की जानकारी आइसीडीएस की डीपीओ रेखा कुमारी को हुई, तो वह गुरुवार को पीकू वार्ड पहुंची, जहां बालक को अस्पताल के बाहर जमीन पर पेट दर्द के कारण लेटा हुआ था, जिसकी कोई देखभाल नहीं कर रहा था। जबकि, उसके कपड़े भींगे हुए थे और उसके आगे जो खाना दिया हुआ था, उसमें मक्खी लग रही थी। सिविल सर्जन और अस्पताल मैनेजर को जानकारी दी गई। मामले की जानकारी मिलते ही मैनेजर मो. तौसिफ और सिविल सर्जन विनोद कुमार सिन्हा पीकू वार्ड पहुंचे। जहां उन्होंने बालक के इलाज की जानकारी ली। बच्चे का एक सप्ताह से अल्ट्रासाउंड नहीं कराये जाने को लेकर ड्यूटी पर तैनात एएनएम को डांट फटकार लगाई और मैनेजर को इंचार्ज से स्पष्टीकरण दिए जाने की बात कही। जिसके बाद सिविल सर्जन के निर्देश पर बालक को सदर अस्पताल में इमरजेंसी के दौरान अल्ट्रासाउंड कराया और डॉक्टर को लगातार उस पर नजर बनाए रखने का आदेश दिए। सिविल सर्जन ने कहा होगी कार्रवाई सिविल सर्जन विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि 12 दिसंबर को एक लावारिस अवस्था में एक बालक का पीकू वार्ड में भर्ती हुआ था, जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। वह मुंगेर कैसे पहुंचा बालक सही रूप से नहीं बता पा रहा है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती बच्चे का इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चे का अल्ट्रासाउंड होना था। कर्मियों की लापरवाही के कारण सही समय पर अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया। जिसके कारण वह पेट के दर्द से बेचैन था, इसको लेकर इंचार्ज से स्पष्टीकरण की मांग की गई है, जब 12 दिसंबर को डॉक्टरों ने बच्चे को अल्ट्रासाउंड करने के लिए कहा तो अब तक क्यों नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि बच्चे का इलाज के साथ सभी प्रकार की जांच के लिए आदेश कर दिया गया है। रिपोर्ट आने पर आगे विचार किया जाएगा। बता दें कि बच्चे की देखभाल के लिए दो अलग से कर्मियों को लगाया गया है।