सहरसा में स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप है। सड़क हादसे में दो की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने सरकारी एम्बुलेंस मुहैया नहीं करवाया। ऐसे में मृतक के परिजनों ने बाजार से तीन हजार में एम्बुलेंस भाड़ा करके उसका पोस्टमार्टम करवाया और फिर उसे घर ले गए। मृतक के परिजनों ने अस्पताल की कुव्यवस्था को लेकर सिविल सर्जन से मामले में कार्रवाई की मांग की है। नवहट्टा थाना इलाके के चंद्रायन गांव के वार्ड नंबर-13 निवासी 55 साल के सौवराति और 48 वर्षीय दरूदन खातून की सड़क हादसे में गुरुवार की सुबह करीब साढ़े 9 बजे मौत हो गयी। दोनों मृतक का शव सदर अस्पताल में पड़ा रहा। मृतक के परिजनों ने बताया कि पुलिस ने पहुंच कर शव का कागजी कार्रवाई कर दिया। लेकिन सुबह से शाम हो गयी और सरकारी अस्पताल की ओर से एम्बुलेंस का सेवा मुहैया नहीं करवाया गया। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि 102 पर कॉल कीजिये। फिर वहां से जबाब मिला कि अभी सेवा उपलब्ध नहीं करवाया जा सकता है, क्योंकि अभी एम्बुलेंस नही हैं। जांच के बाद होगी कार्रवाई ऐसे में थक हार कर परिजन स्टेचर पर अस्पताल से पोस्टमार्टम के लिए शव ले जाने लगे। जिसके बाद परिजनों ने बाजार से भाड़ा पर तीन हजार में एम्बुलेंस किया। जिस पर लाद कर उस दोनों मृत शव को पोस्टमार्टम रूम तक ले गए और पोस्टमार्टम करने के बाद उसे अपने घर ले जाने लगे। परिजनों का साफ तौर से आरोप है कि सरकारी अस्पताल में कोई तरह की सुविधा नहीं मिली। सदर अस्पताल में करीब 6 घंटे के तक इंतजार करना पड़ा। ऐसे में सिविल सर्जन से जांच कर आवश्यक कार्रवाई की मांग की है। सिविल सर्जन के के मिश्रा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया हैं। जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी।