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सीकरहना नदी पर बांध निर्माण का ग्रामीणों ने किया विरोध:बोले-500 मीटर से 1KM दुर कराया जा रहा काम, फसलें बर्बाद होने से आजीविका पर संकट

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पूर्वी चंपारण के सुगौली प्रखंड में सीकरहना नदी पर बन रहे बांध का ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि बांध का निर्माण नदी से 500 मीटर से लेकर 1 किलोमीटर दूर किया जा रहा है, जिससे उनकी जमीनें बर्बाद हो रही हैं। ग्रामीणों ने यह भी चिंता जताई कि बांध की वजह से कई घरों को नुकसान होगा और आने वाले समय में उनकी परेशानियां बढ़ जाएंगी। ग्रामीणों ने साफ कहा कि वे फिलहाल बांध के निर्माण कार्य को आगे नहीं बढ़ने देंगे। उनका कहना है कि बांध का निर्माण नदी के पास होना चाहिए ताकि उनकी कृषि भूमि सुरक्षित रहे। यदि बांध गलत जगह बनाया गया तो बाढ़ आने पर खेतों में बालू भर जाएगा, जिससे फसलें बर्बाद होंगी और उनकी आजीविका पर संकट आ जाएगा। प्रशासन से विचार करने की मांग की ग्रामीणों ने बताया कि दस से बीस घर बांध के निर्माण के कारण प्रभावित होंगे। इन घरों के तबाह होने की आशंका ने स्थानीय लोगों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मुद्दे पर विचार करने की मांग की है और बांध निर्माण की जगह पर पुनर्विचार की अपील की है। गौरतलब है कि सीकरहना नदी हर साल बाढ़ का कहर बरपाती है, जिससे बचाव के लिए सरकार ने पूर्व में जमीन का अधिग्रहण कर बांध निर्माण का कार्य शुरू किया था। लेकिन अब ग्रामीणों द्वारा इस कार्य को रोके जाने से स्थिति जटिल हो गई है। बयान देने से बच रहे अधिकारी वहीं, जब इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ग्रामीणों के विरोध और चिंताओं के चलते प्रशासन पर अब दबाव बढ़ रहा है कि वे जल्द से जल्द समाधान निकालें।

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