सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड के चुन्नी पंचायत में मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर धांधली का मामला सामने आया है। जहां वार्ड संख्या 8 में वीसी सफाई और बांध मरम्मत का कार्य जेसीबी से कराया गया। योजना के तहत मजदूरों को रोजगार देने है, लेकिन उनकी जगह जेसीबी से काम करवाया जा रहा है। 400 रुपये में बाहर से बुलाए जा रहे मजदूर स्थानीय रैयतों ने बताया कि स्थानीय मजदूरों को काम से वंचित कर उनके जॉब कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल भुगतान के लिए किया जा रहा है। मजदूरों को नाममात्र की राशि देकर बाहरी मजदूरों को 400 रुपये प्रतिदिन मजदूरी दी जा रही है। मजदूरों के काम और भुगतान की निगरानी करने वाले मेठ की जिम्मेदारी भी नियमों के खिलाफ पंचायत समिति सदस्य अशोक कुमार दास के बेटे ने संभाल ली है। वह एनएमएमएस ऐप के लिए मजदूरों की तस्वीरें खींचता है। जेसीबी का निशान मिटाते है बाहरी मजदूर उन्होंने बताया कि महम्मदगंज पंचायत के कुछ मजदूर जेसीबी के निशान मिटाने में लगे थे। इस दौरान हमने योजना में अनियमितताओं पर आपत्ति जताई है। इससे पहले भी हमने जेसीबी से काम रुकवाकर मजदूरों से काम करवाने की मांग की थी, लेकिन हमारी बात अनसुनी कर दी गई। ग्रामीणों का आरोप है कि मनरेगा योजनाओं में मजदूरों के नाम पर फर्जी भुगतान कर भारी अनियमितताएं की जा रही हैं। मनरेगा जैसे रोजगार गारंटी योजना में इस प्रकार की धांधली न केवल गरीब मजदूरों के हक का हनन है। बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़ा करती है। इस मामले में पूछताछ करने पर मनरेगा पीओ कौशल राय ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। हालांकि, गड़बड़ियों को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है।