किशनगंज जिले के पोठिया थाना में न्यायिक हिरासत में हसीबुल हक की मौत को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस घटना पर किशनगंज के सांसद डॉ. मोहम्मद जावेद आज़ाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि मुआवजे के संबंध में उचित कदम उठाए जाएं और पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की जांच के लिए SIT गठित की जाए। डॉ. जावेद आज़ाद ने पत्र में लिखा है कि हसीबुल हक की गिरफ्तारी के बाद उनकी बेरहमी से पिटाई की गई, और गंभीर स्थिति होने के बावजूद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल नहीं भेजा गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई। यह घटना अत्यंत अमानवीय और दुर्भाग्यपूर्ण है। हसीबुल हक परिवार का एकलौता कमाने वाला सदस्य था और उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं था। इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए। घटना के बाद, किशनगंज जिले में इस मामले को लेकर शोक और आक्रोश फैल गया है। राजनीतिक और सामाजिक हलकों से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है। मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए जिले के पुलिस कप्तान सागर कुमार ने पहाड़कट्टा थाना अध्यक्ष चंदन कुमार और ठाकुरगंज पुलिस सर्किल इंस्पेक्टर अरुण सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। इसके अलावा, इस गंभीर मामले की जांच के लिए डीएसपी हेडक्वार्टर और डीएसपी ट्रैफिक के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया गया है ताकि इस मामले का सही खुलासा हो सके। इस घटना के बाद, हसीबुल हक के परिजनों और स्थानीय समुदाय ने न्याय की उम्मीद जताई है और इस मामले को लेकर अब तक की कार्रवाई की पारदर्शिता की मांग की है।