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BPSC ‌70वीं का विज्ञापन जारी होते शुरू हो गया विवाद:6 बार पदों को अपडेट किया, 3 बार एग्जाम डेट बढ़ी; अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज तक हुआ

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बीपीएससी 70वीं कंबाइंड सिविल सेवा परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन 20 सितंबर 2024 को जारी किया गया था। 1964 पदों पर भर्ती निकली थी। यह बीपीएससी के इतिहास में संयुक्त सिविल सेवा में सबसे बड़ी वैकेंसी है। लेकिन, नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से ही असमंजस की स्थिति बनी रही। ऐसा इसलिए क्योंकि 6 बार पदों को अपडेट किया गया। एग्जाम डेट 3 बार बढ़ाई गई। एग्जाम से पहले नॉर्मलाइजेशन को लेकर काफी विरोध हुआ। आयोग कार्यालय का घेराव करने पहुंचे अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज हुआ। स्टूडेंट्स के सपोर्ट में सड़क पर उतरे खान सर और गुरु रहमान को पुलिस ने हिरासत में लिया। हालांकि, कुछ घंटों के बाद दोनों को छोड़ दिया गया। छात्र नेता दिलीप को जेल की हवा खानी पड़ी। वहीं, 13 दिसंबर को पीटी परीक्षा के दिन अभ्यर्थियों ने पटना के बापू सेंटर पर जमकर हंगामा किया। क्वेश्चन पेपर देरी से पहुंचने को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे एक अभ्यर्थी को पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने थप्पड़ जड़ दिया। जिसके बाद आयोग ने 16 दिसंबर को बापू सेंटर पर आयोजित परीक्षा रद्द कर दी। 6 बार पदों को अपडेट किया गया, 3 बार बढ़ी एग्जाम डेट बीपीएससी 70वीं पीटी एग्जाम में शुरू से ही कुछ न कुछ विवाद लगा रहा। पदों की संख्या 5 बार बढ़ी। परीक्षा की संभावित डेट 3 और फॉर्म भरने की तारीख 2 बार बढ़ी। 18 सितंबर को मौखिक रूप से 1929 पदों पर भर्ती का निर्णय लिया गया था। 23 सितंबर को 1957 पदों के लिए विज्ञापन जारी हुआ, जो बाद में बढ़कर 1964 हो गया। फिर 26 अक्टूबर को 2031 और 4 नवंबर को 2035 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगा गया। पहले परीक्षा की संभावित डेट 30 सितंबर थी। इसके बाद 17 नवंबर किया गया। फिर बाद में बढ़ा कर 13 और 14 दिसंबर किया गया। इसके बाद आयोग ने एक दिन एक पाली में 13 दिसंबर को परीक्षा लेने का निर्णय लिया। नॉर्मलाइजेशन को लेकर क्यों शुरू हुआ विवाद 19 सितंबर को बीपीएससी के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने कहा था कि नॉर्मलाइजेशन एक वेल एस्टेब्लिश प्रोसेस है। भारत सरकार की ओर से भी कई सारे परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन किया गया है। यह इतना आसान प्रक्रिया है कि किसी भी छात्रों को इससे कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। 30 अक्टूबर को बीपीएससी कार्यालय में सिविल सेवा की तैयारी कराने वाले शिक्षकों के साथ बैठक हुई। इसमें खान सर, गुरु रहमान समेत अन्य कोचिंग संस्थान के शिक्षक शामिल हुए। शिक्षकों ने इस बैठक में छात्रों की परेशानियों को आयोग के समक्ष रखा। इसमें नॉर्मलाइजेशन को लेकर भी बातें रखी गई थी। मीटिंग खत्म होने के बाद गुरु रहमान ने मीडिया से कहा था कि बीपीएससी की ओर से 15 नवंबर को बापू सभागार में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित होना है। जिसमें अध्यक्ष समेत तमाम शिक्षक, छात्रों की समस्या पर उनसे बातचीत करेंगे। हालांकि यह बैठक नहीं हुई। जिसके बाद नॉर्मलाइजेशन को लेकर विरोध होना शुरू हो गया। छात्रों के प्रदर्शन में गुरु रहमान और खान सर भी शामिल हुए थे 6 दिसंबर को 70वीं BPSC में नॉर्मलाइजेशन को लेकर पटना में अभ्यर्थियों ने करीब 12 घंटे तक प्रदर्शन किया। पहले अभ्यर्थी बीपीएससी ऑफिस के बाहर जुटे। पुलिस के कहने पर नहीं हटे तो लाठीचार्ज हुआ। लाठीचार्ज में एक छात्र का सिर फट गया, जबकि एक का पैर टूट गया। तीन बार कैंडिडेट्स पर लाठीचार्ज किया गया था। छात्रों का प्रदर्शन BPSC दफ्तर के सामने हो रहा था, इसी बीच खान सर और गुरु रहमान मुसलयपुर हाट से छात्रों के भारी हुजूम के साथ गर्दनीबाग पहुंचे। शाम तक यहां छात्रों के साथ खान सर और गुरु रहमान ने नॉर्मलाइजेशन को लेकर विरोध किया। फिर पुलिस ने खान और रहमान सर को डेढ़ घंटे तक हिरासत में रखा। देर रात खान सर की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पटना के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस प्रदर्शन में शामिल छात्र नेता दिलीप को गिरफ्तार कर लिया गया। आयोग ने लेटर जारी कर दी सफाई 6 दिसंबर को ही शाम में आयोग ने एक पत्र जारी कर कहा, ‘एकीकृत 70वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाए जाने से संबंधित भ्रामक खबरें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चलाई जा रही है। आयोग ने इस बात पर हैरानी जताई कि नॉर्मलाइजेशन की अफवाह कहां से शुरू हुई, जबकि ऐसा कोई प्रस्ताव ही नहीं था।’ कोचिंग सेंटर और छात्र नेता पर अफवाह फैलाने का आरोप बीपीएससी ने कोचिंग संचालकों और कुछ स्थानीय छात्र नेताओं पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाया है। आयोग ने कहा है कि इन लोगों ने जानबूझकर अभ्यर्थियों को गुमराह करने के लिए यह अफवाह फैलाई। आयोग ने साफ किया है कि परीक्षा के विज्ञापन में कहीं भी नॉर्मलाइजेशन का जिक्र नहीं था। न ही बाद में ऐसी कोई सूचना जारी की गई। बापू सेंटर पर जमकर हुआ हंगामा 13 दिसंबर को राज्य के 36 जिलों में 912 सेंटर्स पर परीक्षा आयोजित की गई। 912 केंद्रों में से 911 पर शांतिपूर्ण परीक्षा हुई। जबकि पटना के बापू सेंटर पर कैंडिडेट्स ने हंगामा किया। कई कैंडिडेट्स ने आरोप लगाया कि प्रश्न पत्र आधे घंटे लेट से मिला। क्वेश्चन पेपर कटे-फटे थे। पेपर की सील पहले से टूटी थी। सेंटर के अंदर ग्रुप में कैंडिडेट्स OMR शीट भर रहे थे। प्रदर्शन के दौरान डीएम ने जड़ा था थप्पड़ बापू सेंटर पर पेपर लीक का आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रहे एक कैंडिडेट को पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने थप्पड़ जड़ दिया था। इसके बाद पुलिस ने बीच-बचाव करते हुए कैंडिडेट को साइड किया था। 13 दिसंबर को ही शाम में आयोग के अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसी ने हमें पेपर लीक होने की शिकायत नहीं की है। आयोग के लोग सेंटर पर थे। कैंडिडेट्स सेंटर के अंदर हंगामा करने लगे। पेपर छीनकर बाहर निकल गए। बाकी लोगों को भी भड़काया गया। बिना मोबाइल और बिना इंटरनेट के पेपर कैसे वायरल हो सकता है। 15 दिसंबर को पटना डीएम ने आयोग को सौंपी जांच रिपोर्ट 15 दिसंबर को पटना डीएम ने अपनी जांच रिपोर्ट आयोग को सीसीटीवी फुटेज के साथ सौंप दी। डीएम चंद्रशेखर ने अपने जांच रिपोर्ट में बताया कि परीक्षार्थी के रूप में कुछ असामाजिक तत्व परीक्षा में शामिल हुए थे। उनका एक ग्रुप परीक्षा भवन के बाहर भी मौजूद था। ये लोग बाहर से हंगामा करने के लिए तैयार थे। कुछ अभ्यर्थियों ने केन्द्राधीक्षक को घेर कर परीक्षा रद्द करने का दबाव बनाया, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके अलावा कुछ परीक्षार्थी तोड़-फोड़ एवं अन्य प्रकार से व्यवधान उत्पन्न करके किसी तरह परीक्षा कैंसिल करवाना चाह रहे थे। ऐसे परीक्षार्थियों और उपद्रवी तत्वों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ हत्या का मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। इस प्रकरण में कुछ कोचिंग संस्थानों की भी भूमिका की जांच की जाएगी। बापू सेंटर पर परीक्षा रद्द 16 दिसंबर को जांच रिपोर्ट देखने के बाद आयोग ने बैठक बुलाई। इस दौरान फैसला लिया गया कि बापू सेंटर पर हुई परीक्षा को रद्द कर दिया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अध्यक्ष ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच हमारी आईटी सेल भी कर रही है। इसके साथ ही पटना SSP लेवल पर दो टीम का गठन किया गया है। जो मामले की जांच कर रही है। आयोग की जांच में 25 से 30 लोगों की पहचान की गई है। उन पर आयोग की ओर से कार्रवाई की जाएगी। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने परीक्षा में लेट प्रश्न पत्र मिलने को लेकर विवाद किया है। आयोग के चेयरमैन ने आगे कहा कि बापू सेंटर पर लेट से क्वेश्चन पहुंचा था। वहां बताया गया था कि आपको अधिक टाइम दिया जाएगा। आप अपनी-अपनी परीक्षा दें। इसके बाद दोपहर 1 बजे के आसपास असामाजिक तत्वों ने परीक्षा दे रहे कई कैंडिडेट्स से प्रश्न पत्र छीन लिए। हमें काफी सारे ईमेल मिले हैं, जिसमें कई कैंडिडेट्स ने कहा कि हम सही तरह से परीक्षा दे रहे थे, लेकिन असामाजिक तत्वों ने परीक्षा नहीं देने दी। अपने जारी कैलेंडर से लेट चल रहा आयोग बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से जारी कैलेंडर के मुताबिक, 70वीं पीटी परीक्षा 30 सितंबर को होनी थी। हालांकि, परीक्षा 13 दिसंबर यानी लगभग 2 महीने की देरी से हुई। अब इसका रिजल्ट भी देरी से आने की संभावना है। 70वीं मेंस अगले साल 3 से 7 जनवरी तक होनी है। इसमें भी देरी होगी। यह परीक्षा अब मार्च में हो सकती है। रिजल्ट 31 जुलाई को निकलेगा। इंटरव्यू 17 से 28 अगस्त तक होगा। फाइनल रिजल्ट सितंबर तक जारी किया आएगा। ——————————————————– ये भी पढ़ें… BPSC पेपर लीक में रडार पर पटना की 3 कोचिंग:EOU बोली- जल्द कार्रवाई होगी; संजीव मुखिया की गिरफ्तारी पर रोक हटी, जब्त होगी संपत्ति BPSC पेपर लीक मामले में पटना के 3 कोचिंग संस्थान EOU के रडार पर हैं। पेपर लीक में शामिल संस्थानों के खिलाफ कई सबूत मिले है। EOU की ओर से जल्द ही वारंट की कार्रवाई शुरू की जाएगी। EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘पेपर लीक में नालंदा के कई लोग शामिल हैं। आरोपियों का प्रोफाइल तैयार किया जा रहा है। इन लोगों के सहयोगी कौन हैं, उनका फैमिली ट्री क्या है। ये लोग किस-किस मामले में शामिल रहे हैं।’ पूरी खबर पढ़िए

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