पटना में 1 दिसंबर को हुए राज्य स्वास्थ्य समिति के कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) के 4500 पदों पर बहाली के लिए रविवार को ली गई परीक्षा को 2 दिसंबर को रद्द कर दिया गया था। इस परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने के पुख्ता सबूत मिलने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई थी। EOU ने 37 लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया था। बाद में सभी को जेल भेज दिया गया था। जांच में इस पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड रवि भूषण का नाम सामने आया था। मास्टरमाइंड 1 दिसंबर से हीं फरार था। EOU ने रवि भूषण को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड के 5 सहयोगी और रिश्तेदारों को उठाया है। फिलहाल इनसे पूछताछ की जा रही है। रवि भूषण के ठिकाने पर रची गई थी पेपर लीक की साजिश परीक्षा माफिया रवि भूषण के दानापुर स्थित ऑनलाइन सेंटर और भगवत नगर के फ्लैट पर इस पूरे लीक मामले की पटकथा लिखी गई थी। EOU अब तक 36 जालसाजों को जेल भेज चुकी है। इसमें अभ्यर्थियों के अलावे ऑन लाइन परीक्षा सेंटर के मालिक और IT टीम के लोग शामिल थे। जांच में यह बात सामने आई थी कि जालसाजों ने सॉल्वर प्वाइंट बनाया था। यह सॉल्वर प्वाइंट रवि भूषण के भागवत नगर स्थित फ्लैट में ही बनाया गया था। यहां एक दर्जन से अधिक स्कॉलर बैठे हुए थे और अभ्यर्थियों के कम्प्यूटर को रिमोट पर लेकर प्रश्न पत्र सॉल्व कर रहे थे। पुलिस की भनक लगते ही सभी फरार हो गए थे। अभ्यर्थी सिर्फ सिस्टम पर बैठ कर माउस चला रहे थे परीक्षा के लिए पटना में 12 सेंटर्स बनाए गए थे। यह परीक्षा ऑनलाइन माध्यम से ली जा रही थी। इस परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना के बाद 6 केंद्रों पर चेकिंग की गई। इसमें दानापुर के वायर ऑनलाइन एग्जाम सेंटर, न्यू बाइपास के निताय इंफोटेक, दानापुर के आशोपुर के एकम इवोलेशन सेंटर समेत 6 सेंटर्स शामिल थे। चेकिंग में पाया गया कि इन सेंटर्स पर प्रॉक्सी सर्वर के माध्यम से एमी एडमिन सॉफ्टवेयर के जरिए सेट किए हुए सिस्टम को रिमोट पर ले कर सॉल्वर कहीं दूर बैठ कर सवाल का जवाब दे रहे थे। वहीं केंद्र पर अभ्यर्थी सिर्फ सिस्टम पर बैठ कर माउस चला रहे थे। इस परीक्षा में धांधली के लिए परीक्षा करा रही संस्था वी शाइन, परीक्षा माफिया और परीक्षा केंद्र के मालिक मिले हुए थे। इन लोगों ने एमी एडमिन सॉफ्टवेयर के माध्यम से गलत तरीके से कंप्यूटर का एक्सेस ले लिया था।