मनी लॉन्ड्रिंग केस में जांच एजेंसी ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। बेऊर जेल में बंद IAS संजीव हंस की 7 अचल संपत्तियों को जब्त किया है। इसकी अनुमानित कीमत 23.72 करोड़ रुपए आंकी गई है। ईडी ने नागपुर में 3 प्लॉट, दिल्ली में 1 फ्लैट और जयपुर में 3 फ्लैट को जब्त किया है। ये सभी संपत्तियां संजीव हंस और उनके सहयोगी प्रवीण चौधरी, पुष्पराज बजाज और इनके परिवार के लोगों के नाम पर है। 6 दिसंबर को संजीव हंस की पत्नी से हुई थी पूछताछ प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद पूर्व विधायक गुलाब यादव की पत्नी और संजीव हंस की पत्नी को समन भेजकर कार्यालय आने को कहा था। समन के बाद संजीव की पत्नी हर लवलीन कौर उर्फ मोना हंस 6 दिसंबर को ईडी दरफ्तर पूछताछ के लिए आई थी। इसी दिन संजीव के साले गुरू बालतेज से भी पूछताछ हुई थी। पूछताछ करीब 5 घंटे तक चली थी। 5 अधिकारियों ने मोना से संजीव हंस की संपत्ति के साथ ही उनकी आय के स्रोतों के बारे में विस्तार से जानकारी ली। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ईडी के मोना से से पूछे गए सवाल 1. संजीव और गुलाब यादव कैसे एक दूसरे के संपर्क में आए। 2. संजीव हंस के मददगारों में कौन कौन लोग हैं। 3. संजीव हंस ने गलत तरीके से कमाए गए पैसा कहां खपाया। 4. आपका इनकम का क्या श्रोत है। मोना और गुरू बालतेज की मोहाली और कसौली में खरीदी गई संपत्ति का ब्योरा मांगा संजीव हंस ने मोहाली में जमीन का एक बड़ा प्लॉट और कसौली में आलीशान विला खरीद रखा है। मोहाली का प्लॉट व्यावसायिक है। जिसे हंस ने करीब 90 लाख की कीमत पर पंचकूला के एक प्रापर्टी डीलर जतिंदर कुमार सांगरी के माध्यम से कमलकांत गुप्ता के नाम पर खरीदा था। शाम 5:30 में दोनों ईडी दफ्तर से बाहर निकले बालतेज से भी संजीव हंस से तोहफे में मिली मर्सिडीज गाड़ी के साथ ही अन्य संपत्ति के बारे में सवाल पूछे गए थे। ईडी सूत्रों के अनुसार ज्यादातर सवालों पर मोना और बालतेज चुप रह गए या पता नहीं है, कह कर टालते चले गए। शाम को 5:30 में मोना और बालतेज ईडी दफ्तर से निकल कर चले गए। इनसे आगे भी पूछताछ हो सकती है।