LNMU निगरानी की दस्तक के बावजूद लगातार एक के बाद एक अनियमितता उजागर हो रही है। नया मामला PG भौतिकी विभाग के प्रथम सेमेस्टर के एक छात्र का दो अंकपत्र सामने आने का है। दोनों में अलग-अलग प्राप्तांक हैं। पीजी सत्र 2022-24 के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा पिछले वर्ष अगस्त माह में संचालित हुई थी। इसके बाद रिजल्ट प्रकाशित हुआ। छात्र को पांच पेपरों की परीक्षा में 500 में कुल 341 अंक मिले। पर परीक्षा विभाग में सक्रिय बिचौलियों ने उसका अंक प्रमाण पत्र बदल दिया। आरोप है कि पहले जारी रिजल्ट में 341 से बढ़ाकर उसका प्राप्तांक 407 कर दिया गया। इस तरह छात्र ए ग्रेड से ए प्लस प्लस ग्रेड मे आ गए। छात्र को पांच पेपरों की परीक्षा में 500 में 341 अंक मिले, फिर बदलकर 407 हो गया पर विश्वविद्यालय ने पहले अंक पत्र को रद्द करने की कोई सूचना जारी नहीं की। विश्वविद्यालय के अधीन दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर और बेगूसराय के गरीब छात्रों को वास्तविक रिजल्ट में सुधार के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। आय दिन विश्वविद्यालय परिसर में दूसरे जिले से आए छात्रों की भीड़ देखी जाती है। इसके बाद भी रिजल्ट में सुधार नहीं होता है। विभाग के कुछ कर्मचारियों और डाटा सेंटर की मिलीभगत से छात्र पैसा देकर अंक पत्र बदलवा लेते हैं। नंबर बढ़ाकर बना रहे हैं मार्कशीट संबंध में विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2018-20 के छात्र धीरेंद्र कपूर ने बताया कि उन्हें भी विश्वविद्यालय का चक्कर लगातार अपने मूल प्रमाण पत्र में सुधार करवाने को लेकर काटना पर रहा है। धीरेंद्र कपूर का दावा है कि विश्वविद्यालय में बिचौलियों के द्वारा कर्मियों के मिली भगत से छात्रों से पैसा लेकर उनका अंक बढ़ाकर अंक पत्र बनाया जा रहा है। धीरेंन्द्र ने इसकी मौखिक शिकायत कुलपति और परिक्षा नियंत्रक से की है। जांच रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई निगरानी विभाग के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय के तीन सत्रों की मूल्यांकित उत्तरपुस्तिकाओं की बिक्री पर रोक लगाने को कहा गया था। पीजी अर्थशास्त्र और भूगोल की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में हुए मेधा घोटाले की बात सामने आने पर पीजी अर्थशास्त्र के भूगोल विषय में टापर छात्रों की मेधा को लेकर परिवाद दायर किया गया था। शीर्ष 10 छात्रों की उत्तरपुस्तिका सुरक्षित रखने तथा उत्तरपुस्तिकाओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए परिवाद पत्र प्राप्त मामले को लेकर पुछे जाने पर LNMU के परिक्षा नियंत्रक डा. विनोद कुमार ओझा ने बताया कि जांच कमेटी का गठन किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
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