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एमपी में नेताओं ने मंडल अध्यक्ष बनने बताई कम उम्र:बीजेपी को निरस्त करने पडे़ 18 मंडलों के चुनाव; प्रदेशभर से 100 शिकायतें पहुंचीं

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मध्यप्रदेश में बीजेपी के संगठन चुनाव चल रहे हैं। 1 से 15 दिसंबर तक 1300 मंडलों में अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि चुने जाने थे। बीजेपी के संगठनात्मक रूप से मध्यप्रदेश में 60 जिले हैं, इनमें मंडल अध्यक्षों के चुनाव को लेकर चुनाव समिति के पास करीब 100 शिकायतें पहुंची हैं। अपीलीय समिति ने इन शिकायतों की छानबीन कर ली है। सोमवार को शिकायतों पर फैसला हो सकता है। शिकायतों के मुताबिक, डेढ़ दर्जन ऐसे मंडल हैं, जहां पर अध्यक्ष बनने के लिए पदाधिकारियों ने खुद की उम्र घटाकर बताई है। इसके बाद 18 मंडलों के आधिकारिक तौर पर चुनाव ही निरस्त कर दिए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा सिवनी से हैं। मंडल अध्यक्ष के लिए ये क्राइटेरिया तय थे
बीजेपी ने मंडल अध्यक्षों के लिए 45 साल से कम उम्र का क्राइटेरिया तय किया था। इसके अलावा ऐसे कार्यकर्ताओं को मंडल अध्यक्ष नहीं बनाने के निर्देश थे, जिनका आपराधिक रिकाॅर्ड है। जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया है या जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी की है। जानिए, कहां-क्या शिकायत हुई भाजपा के पपौंध मंडल में वरिष्ठ नेता संतोष मिश्रा ने कहा- भाजपा संगठन अपनी ही नीतियों से पलट गया। चुनाव घोषणा के पूर्व पार्टी ने कहा था कि विधायक, सांसद समेत वर्तमान जिलाध्यक्ष के चहेतों को दोबारा मंडल अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा लेकिन इसके विपरीत कार्य किया है। मंडल अध्यक्ष रिपीट करके दर्जनों कार्यकर्ताओं के साथ गलत किया है। 45 साल उम्र की गाइडलाइन का पालन नहीं किया
धार: मनावर विधानसभा के ग्रामीण मंडल सिंघाना के कार्यकर्ता नीलेश पाटीदार ने बताया कि मनावर, सिंघाना, उमरबन में पार्टी ने 45 साल उम्र की गाइडलाइन का पालन नहीं किया है। यहां अध्यक्षों की नियुक्तियों में आयु सीमा ज्यादा होने के कारण जिला चुनाव प्रभारी रामेश्वर शर्मा को चुनाव निरस्त करने की मांग को लेकर पत्र सौंपा गया है। पूर्व भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष अभय कनेल ने कहा- वर्तमान में जिन्हें पद दिए गए हैं, उन सभी की उम्र 45 वर्ष से अधिक है। हमने सभी की समग्र आईडी में दर्ज जन्म तारीख भी सबूत के तौर भी दी है। जिस तरह जिले के सादलपुर में अधिक उम्र को लेकर नियुक्ति रोकी गई है। वैसे ही हमारे यहां की नियुक्ति रोकी जाए। अध्यक्ष नहीं बदला तो 42 बूथ अध्यक्ष देंगे इस्तीफा
सिवनी में केदारपुर मंडल के महामंत्री अजय सिंह मरावी ने कहा- लोकू सिंह मरकाम मंडल अध्यक्ष बने हैं। हमारी 61 सदस्यीय कार्यकारिणी में उनका कहीं नाम नहीं था। जिला कार्यकारिणी में भी उनका नाम नहीं था। ये तो घंसौर जनपद पंचायत में गोंडवाना या कांग्रेस सामान्य प्रशासन विभाग के सभापति हैं। मैंने अपनी बात भी रखी है। हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। हमारे 52 बूथ हैं, जिनमें से 42 बूथ अध्यक्ष हमारे साथ हैं। यदि पार्टी अपना निर्णय नहीं बदलेगी तो हम सभी कार्यकर्ता सामूहिक रूप से प्रदेश कार्यालय में इस्तीफा देकर जाएंगे और भाजपा के झंडे तले जीवन भर काम नहीं करेंगे। दिन में जुलूस निकाला, रात में नियुक्ति रद्द
सिवनी जिले में ही बंडोल के मंडल अध्यक्ष बने पुरुषोत्तम बघेल प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। पुरुषोत्तम ने कहा- सिवनी विधानसभा से सुबह हमारी नियुक्ति की गई। हमें पता चला कि हम मंडल अध्यक्ष बने हैं। दिन में जुलूस निकाला। रात के 11 बजे विज्ञप्ति जारी की गई कि आपका इस पद पर निर्वाचन निरस्त किया जा रहा है। हम यह जानना चाह रहे हैं कि नियुक्ति किस कारण निरस्त की गई जबकि चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से संवैधानिक थी। तय मापदंडों के अनुसार ही पूरी प्रक्रिया की गई थी। हमने तीन दिन पहले जाकर आपत्ति दर्ज कराई थी। उसके बाद हमें कहा गया कि जो सही है, वही होगा। कांग्रेसी होने का आरोप, नियुक्ति कर दी निरस्त
सिवनी में उत्तर मंडल के विष्णु चौरसिया ने बताया- मेरी सुबह 8 बजे मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति हुई और रात के 11 बजे निरस्त कर दी गई। विधायक मुनमुन राय का कहना है कि हम कांग्रेसी हैं। उन्होंने हाईकमान से मेरी शिकायत की है जबकि यह बिल्कुल गलत है। मैं 20 साल से भाजपा में हूं, मेरा पूरा परिवार भाजपा में है। 2004 में मेरे चाचा को अशोक वार्ड से पार्षद का टिकट मिला था और वे चुनाव जीतकर आए थे। वह पूरा मुस्लिम वार्ड था, फिर भी हम संघर्ष करके जीते। 2008 में मेरे चाचा जिला मंत्री बने और अब हम पर आरोप लगाया जा रहा है कि हम कांग्रेसी हैं। विधायक ने निरस्त करवा दिया निर्वाचन
सिवनी जिले के बीजा देवरी मंडल के अध्यक्ष बने मोहन डेहरिया के पिता चमरा लाल डेहरिया भोपाल प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे। उन्होंने मीडिया से कहा- मेरे बेटे को संगठन ने मंडल अध्यक्ष बनाया था। विधायक मुनमुन राय ने नियुक्ति निरस्त करा दी। विधायक जी तो अभी दो साल पहले ही बीजेपी में आए हैं। हम प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मिलने आए हैं। हमारा विधायक संगठन में फूट डाल रहा है। वे चाहते हैं कि उनके व्यक्ति को अध्यक्ष बनना चाहिए। वे पहले निर्दलीय थे फिर बीजेपी में आए तो उनके आदमी अलग हैं। हम भी कहते हैं कि उनके लोग बन जाएं लेकिन हमारा अपमान नहीं करना था। नियुक्ति के बाद निरस्त नहीं करानी थी। कांग्रेस का प्रचार करने वालों को बनाया अध्यक्ष
निवाड़ी जिले के पृथ्वीपुर मंडल से आए बंशीलाल रजक ने कहा- जिन्होंने कांग्रेस का काम किया, उन्हें भाजपा प्रदेश नेतृत्व जिला अध्यक्ष बनाने की सोच रहा है। इनमें गणेशी नायक और उनके कई अन्य सहयोगी हैं। जैसे- ओमप्रकाश रावत, जिन्होंने कांग्रेस का काम किया और भाजपा के लोगों को हराया। फिर भी 75% कांग्रेसियों को मंडल अध्यक्ष बना दिया गया, जो उन्हीं के लोग हैं। कोई उनका बेटा है, कोई ड्राइवर, कोई गनमैन है। ग्वालियर में भाजपा कार्यालय में हंगामा
ग्वालियर में रविवार को भाजपा कार्यालय में हंगामा हो गया। स्वामी विवेकानंद मंडल के घोषित अध्यक्ष नरसिंह राठौर का नाम संशोधित कर अमर कुंटे को अध्यक्ष बना दिया गया। इसके विरोध में राठौर समाज ने पार्टी कार्यालय का घेराव कर दिया। राठौर समाज के स्थानीय अध्यक्ष रामकिशन राठौर ने कहा कि नरसिंह राठौर को मंडल अध्यक्ष बनने के बाद गलत तरीके से हटाया गया है। संख्या बल के हिसाब से राठौर समाज को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। जिला अध्यक्ष अभय चौधरी ने कार्यकर्ताओं को समझाइश देकर उनकी मांग प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचाने का वादा किया है। प्रदेश चुनाव अधिकारी विवेक शेजवलकर से सीधी बात.. यह खबर भी पढ़ें… 60 पार नेता नहीं बन पाएंगे BJP जिलाध्यक्ष मध्यप्रदेश में बीजेपी बूथ समितियों के चुनाव चल रहे हैं। अगले महीने दिसंबर में मंडल अध्यक्ष और जिलाध्यक्षों के चुनाव होंगे। पहले पखवाडे़ में एक से 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्षों के चुनाव होंगे। 16 से 30 दिसंबर तक जिला अध्यक्षाें के चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी। पढ़ें पूरी खबर

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