क्रोनिक थ्रोम्बोएम्बॉलिक पल्मोनरी हाइपरटेंशन (सीटीईपीएच) से पीड़ित 27 साल का मरीज एम्स पहुंचा। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इस दुर्लभ रोग में इलाज में देरी मौत का कारण तक बन सकती है। ऐसे में विशेषज्ञों की टीम ने मरीज का तत्काल इलाज शुरू किया। खून के प्रवाह को पूरी तरह रोक दिया गया। मरीज के हार्ट और फेफड़ों को सपोर्ट देने के लिए एक्स्ट्राकोर्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सिजनेशन (एकमो) मशीन पर रखा गया। इस दौरान फेफड़ों और हृदय की कार्यक्षमता को बाहर से संचालित किया जाता है। मरीज में खून के थक्के को हटाया गया। इससे उसकी जान बच सकी। यह ऑपरेशन कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. योगेश निवारिया की देखरेख में हुआ। सर्जिकल टीम में डॉ. एम किशन, डॉ. सुरेंद्र यादव, डॉ. राहुल शर्मा, डॉ. विक्रम वट्टी और डॉ. आदित्य सिरोही शामिल थे। एनेस्थीसिया टीम से पूजा सिंह व परफ्यूजनिस्ट वेदांत इनामदार और सुषमा सिंह भी सर्जरी का हिस्सा रहे। क्या है सीटीईपीएच
क्रोनिक थ्रोम्बोएम्बॉलिक पल्मोनरी हाइपरटेंशन (सीटीईपीएच) एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है। यह फेफड़ों की धमनियों में रक्त के थक्कों के कारण होती है। यह बीमारी फेफड़ों की धमनियों में रक्त के प्रवाह को रोक देती है। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। हृदय पर दबाव बढ़ जाता है। इसके लक्षण