मध्यप्रदेश में अगले 3-4 दिन तक रात का टेम्प्रेचर 2 से 3 डिग्री तक बढ़ेगा। वहीं, ग्वालियर, चंबल और सागर संभाग में कोहरा रहेगा। इसके बाद कड़ाके की ठंड का दौर फिर आएगा। इस सप्ताह पूरे प्रदेश में तेज सर्दी से थोड़ी राहत मिली है। कई शहरों के पारे ने उछाल आया है। इंदौर, धार, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन, नरसिंहपुर, सागर, सिवनी जैसे शहरों में तो पारा 10-11 डिग्री तक पहुंच गया है। दिसंबर के पहले पखवाड़े में यहां तेज सर्दी पड़ी थी। दूसरी ओर, पचमढ़ी, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, मंडला, उमरिया, छतरपुर, टीकमगढ़, राजगढ़ में पारा 6-7 डिग्री के नीचे ही चल रहा है। मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया, पिछले सप्ताह पूरे प्रदेश में शीतलहर और कोल्ड डे यानी, ठंडे दिन की कंडीशन रही, जो दो-तीन दिन से खत्म हो गई है। इस कारण अगले 3-4 दिन तक रात के टेम्प्रेचर में बढ़ोतरी रहेगी। जिससे ठंड का असर कम रहेगा। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इसके गुजरने के बाद बर्फबारी होगी। जिससे उत्तरी हवाएं फिर से चलने लगेंगी। इसके बाद प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से आएगा। आज इन शहरों में कोहरे का असर
ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में आज (शुक्रवार) को कोहरे का असर रहेगा। दिन में धूप भी खिली रह सकती है। अभी पचमढ़ी ही सबसे ठंडा, पारा 3.3 डिग्री
प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी अभी सबसे ठंडा है। यहां बुधवार-गुरुवार की रात में टेम्प्रेचर 3.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शहडोल के कल्याणपुर में 3.7 डिग्री, मंडला में 4.5 डिग्री, उमरिया में 5.3 डिग्री, उमरिया में 5.3 डिग्री, नौगांव में 5.4 डिग्री, राजगढ़ में 5.6 डिग्री और टीकमगढ़ में 6.7 डिग्री रहा। रीवा, रायसेन, मलाजखंड, छिंदवाड़ा में 8 डिग्री के नीचे रहा। बड़े शहरों में जबलपुर सबसे ठंडा है। यहां तापमान 5.2 डिग्री रहा। भोपाल-ग्वालियर में 6.4 डिग्री, उज्जैन में 9.8 डिग्री और इंदौर में 11.8 डिग्री सेल्सियस रहा। इसलिए बदला मौसम
मौसम वैज्ञानिक वीएस यादव ने बताया, पिछले सप्ताह पूरे प्रदेश में शीतलहर और कोल्ड डे यानी, ठंडे दिन की कंडिशन रही, जो दो-तीन दिन से खत्म हो गई है। इस कारण अगले 2-3 दिन तक रात के टेम्प्रेचर में बढ़ोतरी रहेगी। जिससे ठंड का असर कम रहेगा। उत्तर भारत में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। इसके गुजरने के बाद बर्फबारी होगी। जिससे उत्तरी हवाएं फिर से चलने लगेंगी। इसके बाद प्रदेश में कड़ाके की ठंड का दौर फिर से आएगा। दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड
इस बार दिसंबर महीने में ही ठंड रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन से शीतलहर चली। बुधवार से शीतलहर का दौर थमा। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए हैं। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए जा रहे हैं। पहले ही पखवाड़े में तेज सर्दी
सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है। इस कारण अबकी बार पहले ही पखवाड़े में तेज सर्दी का दौर शुरू हो गया। अमूमन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में तेज ठंड पड़ती है। पिछले 10 साल से यही ट्रेंड रहा है। नवंबर में भी सर्दी तोड़ चुकी रिकॉर्ड
बता दें कि नवंबर में भी सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा। अब दिसंबर में भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है। MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड… भोपाल में 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड
भोपाल में दिसंबर में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। हालांकि, इस बार बारिश नहीं हुई, लेकिन लगातार सात दिन से शीतलहर और कोल्ड डे (ठंडा दिन) जैसी स्थिति है। वहीं, रात के पारे में जबरदस्त गिरावट हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है, लेकिन 15-16 दिसंबर की रात में यह 3.3 डिग्री दर्ज किया गया। यानी, पिछले 10 साल में तो पारा सबसे कम रहा ही, साथ में ओवरऑल रिकॉर्ड के करीब भी है। इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा पारा
इंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 10.1 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है। 31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी। ग्वालियर में भी सर्दी का दौर
ग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। 6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। साल 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी। जबलपुर में पारा 5 डिग्री तक पहुंचा
जबलपुर में दिसंबर में बारिश होने का भी ट्रेंड है। 28 दिसंबर 1960 को दिन का तापमान 33.2 डिग्री पहुंच चुका है। 28 दिसंबर 1902 की रात का तापमान 0.6 डिग्री रहा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वर्ष 1885 को सर्वाधिक मासिक बारिश 125 मिमी यानी 4.9 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 68.1 मिमी यानी 2.6 इंच 16 दिसंबर 1885 को हुई थी। उज्जैन में भी कड़ाके की ठंड
उज्जैन में दिन का औसत तापमान 28.2 डिग्री और रात में 9.4 डिग्री है। इस महीने औसत 4.6 मिमी बारिश होती है। पिछले 5 साल से उज्जैन में दिसंबर में बारिश हो रही है। 18 दिसंबर 2002 को दिन में टेम्प्रेचर 34.9 डिग्री पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 28 दिसंबर 1968 और 29 दिसंबर 1983 को रात में पारा 0.5 डिग्री पहुंच चुका है। साल 1997 को कुल मासिक बारिश 119.4 मिमी यानी 4.7 इंच बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश की बात करें तो 11 दिसंबर 1967 को 35.3 मिमी यानी 1.3 इंच बारिश हुई थी।