ग्वालियर में एक पत्रकार ने ट्रेन के सामने आकर सुसाइड कर लिया। घटना बुधवार दोपहर करीब 3:30 बजे रेलवे ओवर ब्रिज के पास रेलवे ट्रैक की है। घटना का पता चलते ही जीआरपी और आरपीएफ पुलिस मौके पर जा पहुंची, जहां जांच के बाद शव को पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया है। फिलहाल सुसाइड के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जेब में मिली नाम लिखी पर्ची ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मण तलैया के पास स्थित सरकारी स्कूल की गली में रहने वाले वेंकटेश भार्गव (40) ने रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे रेलवे ट्रैक पर भोपाल से आ रही झेलम एक्सप्रेस ट्रेन के सामने कूद कर अपनी जान दे दी। दूर से आ रही झेलम एक्सप्रेस के ऑटो पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक भी लगाए लेकिन तब तक ट्रेन युवक को रौंदते हुए आगे निकल गई। आगे जाकर ऑटो पायलट ने ट्रेन को रोका और तत्काल मामले की सूचना जीआरपी और आरपीएफ पुलिस को दी थी। वेंकटेश के जेब में एक पर्ची मिली जिसमें उसने करने से पहले अपना और अपने पिता का नाम और घर का एड्रेस लिखा था। दूसरी जेब में एक आधार कार्ड भी मिला। रेलवे ट्रैक के पास उसका एक बैग पड़ा था, जिसमें जी निजी चैनल की माइक आईडी मिली है। 10 दिन पहले ही लड़की वाले आए थे
परिजनों ने बताया है कि हर दिन की तरह आज सुबह भी विकास 9:30 बजे घर से निकल गया था घर से निकलने से पहले उसने अपने माता-पिता के साथ खाना खाया था। मृतक के पिता रमेश चंद्र भार्गव यूनियन बैंक से रिटायर कर्मचारी हैं, और उसका बड़ा भाई आप देश भार्गव एक वकील है। वह शिवपुरी के एक कॉलेज से पीएचडी का कोर्स पिछले 1 साल से कर रहा था। 10 दिन पहले ही उसे लड़की वाले देखने आए थे। लूडो खेलकर खबर के लिए निकला था पता चला है कि कुछ देर पहले ही वह अपने अन्य साथियों के साथ फूलबाग चौराहे पर लूडो खेल कर खबर बनाने के लिए निकला था। साथी पत्रकार का कहना है कि वह अपने करियर को लेकर चिंतित रहता था क्योंकि उसने काफी पढ़ाई कर रखी थी, वह पत्रकारिता में आने से पहले कोचिंग और कॉलेज स्टूडेंटों को पढ़ाता था। पुलिस को जांच में उसकी पेंट की जेब से एक पर्ची और आधार कार्ड के अलावा कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। इसलिए यह पता नहीं चल सका है कि उसने किन परिस्थितियों के चलते सुसाइड किया है।