नाबालिग से छेड़खानी के केस में इंदौर जिला कोर्ट ने तस्लीम चूड़ीवाले को दोषमुक्त कर दिया। 3 साल पुराने मामले में मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने उसे सभी आरोपों से बरी कर दिया। तस्लीम अब इस मामले को भूलकर आगे बढ़ना चाहता है। मध्यप्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष और एडवोकेट शेख अलीम ने बताया कि 22 अगस्त 2021 में उत्तरप्रदेश का रहने वाला तस्लीम इंदौर में चूड़ियां बेचने के दौरान भीड़ का शिकार हुआ था। उसके खिलाफ झूठी शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया था। उसे काफी समय तक जेल में भी रहना पड़ा था। तस्लीम के खिलाफ 13 साल की नाबालिग लड़की की ओर से छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई गई थी। कोर्ट में पीड़ित ने आरोपी को पहचानने से ही इनकार कर दिया। उसने इस सवाल से भी इनकार कर दिया कि आरोपी उसके पास चूड़ी बेचना आया था। तस्लीम पर दो आधारकार्ड रख गुमराह करने और अपनी पहचान छिपाने के भी आरोप लगे थे, लेकिन कोर्ट में ये साबित नहीं हुआ कि उसने छल करने के मकसद से आधारकार्ड की कूटरचना की है। फैसले पर कहा- देश में गंगा-जमुनी तहजीब कायम रहनी चाहिए कोर्ट के फैसले पर तस्लीम ने कहा कि न्याय की जीत हुई है। वह इस घटना को भुलाकर आगे बढ़ना चाहता है। धर्म के आधार पर इस तरह का घटनाक्रम नहीं होना चाहिए और हमारे देश में आपसी भाईचारा और गंगा-जमुनी तहजीब कायम रहनी चाहिए। क्या था मामला? 2021 में इंदौर में चूड़ी बेचने वाले तस्लीम को पॉक्सो एक्ट में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। तब 13 साल नाबालिग ने बताया था कि तस्लीम ने उसे बुरी नीयत से छुआ और हाथ पकड़ा। इसके बाद जब वो चीखी, तो घर के अंदर से मां आई और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने तस्लीम की पिटाई की थी। घटना का VIDEO भी सामने आया था। 2 आधारकार्ड और जला हुआ वोटर आईडी मिला था तस्लीम उत्तरप्रदेश के हरदोई का रहने वाला है। वह इंदौर के रानीपुरा स्थित मुसाफिर खाने में रुका हुआ था। उस वक्त पुलिस ने बताया था कि तस्लीम के पास से दो आधारकार्ड और एक वोटर आईडी कार्ड मिला है, जिस पर उसके पिता का नाम स्पष्ट दिखाई दे रहा था। एक आधार पर हिंदू नाम लिखा है, जबकि दूसरे पर मुस्लिम। तब गृहमंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा ने भी घटना पर इसी रिपोर्ट का हवाला दिया था। तीनों आईडी में नाम अलग-अलग हैं। आईडी के हिसाब से उसके नाम तस्लीम, असलीम, गोलू हैं। इनमें पिता का नाम मोहर अली, मोर सिंह और मोहन सिंह लिखा है। बच्ची की मां ने नाम पूछा, तो हिंदू नाम बताया था पुलिस का कहना था कि न्यू गोविंद कॉलोनी में रहने वाली 13 साल की बच्ची की रिपोर्ट पर तस्लीम पर केस दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया थाा कि राखी के दिन तस्लीम कॉलोनी में चूड़ी बेचने आया था। बच्ची की मां ने जब नाम पूछा तो उसने गोलू नाम बताया और वोटर आईडी भी दिखाई। मां-बेटी उससे चूड़ियां खरीदने लगीं। कुछ देर बाद बच्ची की मां घर के अंदर पैसे लेने गईं। उस समय आरोपी ने बच्ची का हाथ पकड़ा और उसे बुरी नीयत से छूने लगा। आरोपी ने बच्ची के गाल पर भी हाथ लगाया। इससे बच्ची घबरा गई और उसने शोर मचाया। शोर सुनकर बच्ची की मां और आसपास के लोग वहां आ गए। यह देख आरोपी भागने लगा। इसके बाद लोगों ने उसकी पिटाई कर दी। ये खबरें भी पढ़िए… DIG हुए थे हुए नाराज, TI से कहा था- तुम्हारे कारण पूरे देश में इंदौर की बदनामी हुई इंदौर के बाणगंगा में चूड़ी वाले की पिटाई और थाना घेरने वाली घटना से नाराज तब के DIG मनीष कपुरिया ने TI को जमकर लताड़ा था। बाणगंगा TI राजेंद्र सोनी पर नाराज होते हुए DIG ने कहा था कि तुम्हारे कारण पूरे देश में इंदौर की बदनामी हुई है। तुमने इंदौर को शर्मसार कर दिया है। पूरी खबर पढ़िए इंदौर पिटाई कांड में ओवैसी की एंट्री से भड़की बीजेपी इंदौर में चूड़ीवाले की पिटाई के मामले को लेकर देश में सियासत भी खूब हुई थी। पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने युवक की पिटाई किए जाने पर सवाल उठाए। इसके बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हवा दे दी। ओवैसी ने जैसे ही सोशल मीडिया पर इस घटना को गोडसे की हिंदुत्ववादी सोच का नतीजा करार दिया, वैसे ही BJP नेता भड़क गए। तब प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जो लोग अपना 2-3 पहचान पत्र रखते हैं, अपना नाम छुपाते हैं, वे अपराधी हैं। पूरी खबर पढ़िए