शादी के 18 साल बाद मामूली कहासुनी के बाद एक महिला पति से नाराज होकर अपने मायके में रहने लगी थी। नाराज पति जब उसे मनाने नहीं आया तो महिला ने एक साल पहले कोर्ट में धारा 125 के तहत हर्जे और खर्चे का केस दायर कर दिया। शनिवार को भोपाल में नेशनल लोक अदालत के आयोजन के दौरान पति-पत्नी द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश वर्षा शर्मा के न्यायालय में आमने सामने हुए। जहां न्यायाधीश की समझाइश के बाद पति और पत्नी साथ रहने के लिए राजी हो गए। कोर्ट रूम में ही महिला को न्यायाधीश ने हार पहनाकर पति के साथ रवाना कर दिया। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रदेश की तहसील एवं जिला अदालतों के साथ ही राजधानी भोपाल की जिला अदालत में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया। इस लोक अदालत के लिए न्यायाधीश और अधिवक्तागणों की लगभग 62 खण्डपीठों का गठन किया गया। इन प्रकरणों का निराकरण किया गया नेशनल लोक अदालत में दीवानी, आपराधिक, पारिवारिक, चेक बाउंस, भरण पोषण, प्रीलिटिगेशन मोटर दुर्घटना दावा क्लेम केस, बिजली विभाग से सम्बंधित केस, नगर निगम के वसूली योग्य, राजस्व के मामले, यातायात के ई-चालान एवं बीएसएनएल सहित अन्य विभागों के प्रकरणों का निराकरण किया। प्रकरण में जमा किया गया न्याय शुल्क भी वापस दिलाया इस सम्बंध में सभी अदालतों से प्रकरणों के निराकरण के लिए पक्षकारों को सूचना पत्र भी जारी किए जा चुके थे। लोक अदालत के माध्यम से निराकृत होने वाले प्रकरणों में पक्षकारों को उनके द्वारा प्रकरण में जमा किया गया न्याय शुल्क भी वापस दिलाया। न्यायाधीश और अधिवक्तागणों की खण्डपीठ लोक अदालत में दोनों पक्षकारों के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण स्थापित कर प्रकरणों का निराकरण किया गया। समझाइश के बाद साथ रहने को हुए राजी इधर, इंदौर के एक 32 वर्षीय युवक और रायबरेली की 28 वर्षीय महिला का विवाह 2018 में हुआ था। दोनों का एक 6 वर्ष का बेटा और 3 वर्ष की बेटी है। शादी के बाद सामंजस्य नहीं होने के चलते आपसी विवाद होने लगे। युवक ने ससुराल पक्ष से मदद मांगी लेकिन उन्होंने बेटी को कोई समझाइश नहीं दी। इसके बाद वर्ष 2023 में कुटुंब न्यायालय इंदौर में युवक ने तलाक के लिए प्रकरण लगा दिया। इस मामले में पति-पत्नी दोनों की काउंसिलिंग करवाई गई। न्यायाधीश ने पुरानी बातों को भूलकर साथ रहने के लिए समझाइश दी। गलती का अहसास हुआ तो दोनों साथ रहने को तैयार हो गए। इसके बाद लोक अदालत में पहुंच कर प्रकरण समाप्त करवाया। लोक अदालत में पति पत्नी की हुई सुलह उधर, नर्मदापुरम के पिपरिया में पति-पत्नी के झगड़े के केस में समझाइश से राजीनामा हुआ। राजेश भन्नरवार, राजकुमार राज वकील ने बताया पक्षकार सतीश मेहरा निवासी सांगाखेड़ा ने पत्नी प्रियंका निवासी सरदार वार्ड पिपरिया के खिलाफ धारा 9 विवाह पुनर्स्थापना का केस लगाया था। न्यायाधीश व वकीलों की समझाइश पर दोनों में सुलह हो गया। दोनों की एक साल की बेटी हर्षिता को अब माता पिता का प्यार मिलेगा। इनका विवाह 2022में हुआ था।