जनवरी में दूसरी बार मध्यप्रदेश कड़ाके की ठंड से ठिठुर गया है। बर्फीली हवाओं की वजह से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन समेत पूरे प्रदेश में दिन-रात के टेम्परेचर में 2 से 3 डिग्री तक की गिरावट हुई है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 3 दिन तक कड़ाके की ठंड पड़ेगी। वहीं, 10 जनवरी से बादल और बूंदाबांदी वाला मौसम रहेगा। 12 जनवरी को कई शहरों में हल्की बारिश होने का अनुमान है। उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की एक्टिविटी के बाद सर्द हवा की रफ्तार बढ़ गई है। मंगलवार को 12.5 किमी की ऊंचाई पर 250 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से जेट स्ट्रीम हवाएं बही, जिसका असर पूरे प्रदेश में देखने को मिला। 8, 9 और 10 जनवरी को भी सर्द हवाओं का असर रहेगा। बुधवार को प्रदेश के आधे हिस्से में कोहरे का असर रहेगा। वहीं, ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग के जिलों में शीतलहर चलेगी। बर्फ पिघलने से और बढ़ेगी ठंड
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, लद्दाख में बर्फबारी हुई है। यह बर्फ अब पिघल रही है। ऐसे में हवा की रफ्तार भी तेज हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी में प्रदेश का मौसम ठंडा ही रहेगा।20 से 22 दिन तक शीतलहर चलने का अनुमान है। जनवरी के पहले सप्ताह में कड़ाके की ठंड पड़ी। वहीं, अब दूसरा दौर शुरू हुआ है। इस सप्ताह ऐसा रहेगा मौसम अगले 4 दिन ऐसा रहेगा मौसम भोपाल में 6.4 डिग्री लुढ़का दिन का पारा
बर्फीली हवा की वजह से मध्यप्रदेश फिर से ठिठुर गया है। मंगलवार को प्रदेश के कई शहरों में दिन के पारे में खासी गिरावट हुई। राजधानी भोपाल में पारा 21.4 डिग्री रहा। एक ही दिन में पारा 6.4 डिग्री लुढ़क गया। ग्वालियर में तापमान 18.4 डिग्री सेल्सियस रहा। पचमढ़ी में 19.9 डिग्री, धार में 21.6 डिग्री, गुना में 21.3 डिग्री, इंदौर में 22.1 डिग्री, रायसेन में 23.2 डिग्री, रतलाम में 22.5 डिग्री, उज्जैन में 22.5 डिग्री, जबलपुर में 21.4 डिग्री, खजुराहो में 20.2 डिग्री, नौगांव में 19.8 डिग्री, रीवा में 18 डिग्री, सतना में 19.5 डिग्री, सीधी में 19.6 डिग्री, टीकमगढ़ में 20 डिग्री, मलाजखंड में 22.2 डिग्री, सिवनी में 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कई शहरों में विजिबिलिटी 50 मीटर रही
इससे पहले सुबह कोहरे का असर भी देखा गया। मौसम विभाग के अनुसार, अनूपपुर, सतना, मैहर, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, सागर, दमोह, इंदौर, नरसिंहपुर, रीवा एयरपोर्ट में विजिबिलिटी 50 मीटर तक रही। गुना और ग्वालियर में 200 मीटर, भोपाल एयरपोर्ट में 250 मीटर, खजुराहो हवाई अड्डे में 300 मीटर, रतलाम में 200 से 500 मीटर, सीधी में 500 मीटर, जबलपुर हवाई अड्डे में 800 मीटर और टीकमगढ़, राजगढ़, उज्जैन समेत नर्मदापुरम में 500 से 1000 मीटर तक विजिबिलिटी दर्ज की गई। वहीं, सोमवार-मंगलवार की रात में प्रदेश के सभी शहरों में पारे में गिरावट हुई है। सबसे ठंडा इकलौता हिल स्टेशन पचमढ़ी रहा। यहां रात का तापमान 7 डिग्री पहुंच गया। गुना-रतलाम में 7.4 डिग्री, नौगांव-टीकमगढ़ में 7.5 डिग्री, राजगढ़ में 7.6 डिग्री, धार-मंडला में 8.7 डिग्री, सागर में 8.9 डिग्री और रायसेन में 9.6 डिग्री दर्ज किया गया। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 9 डिग्री, इंदौर में 9.3 डिग्री, ग्वालियर में 9.7 डिग्री, उज्जैन में 9.8 डिग्री और जबलपुर में 9.4 डिग्री टेम्परेचर दर्ज किया गया। नवंबर-दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी ठंड
इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है। नवंबर-दिसंबर में ठंड रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। नवंबर की बात करें तो भोपाल में तो 36 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर में भी पारा सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे रहा। वहीं, दिसंबर में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ा। स्थिति यह रही कि पूरे प्रदेश में जनवरी से भी ठंडा दिसंबर रहा। भोपाल समेत कई शहरों में ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिए। 9 दिन से शीतलहर चली। भोपाल में दिसंबर की सर्दी ने 58 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर समेत कई जिलों में स्कूलों की टाइमिंग बदल दी गई है, जबकि भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में जानवरों को सर्दी से बचाने के लिए हीटर लगाए गए। भगवान को भी ठंड से बचाने के लिए जतन किए गए। MP के 5 बड़े शहरों में जनवरी में ऐसा रहा सर्दी का ट्रेंड… भोपाल में 0.6 डिग्री पहुंच चुका टेम्परेचर
भोपाल में जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। वहीं, दिन में गर्मी का अहसास और बारिश का ट्रेंड भी है। 18 जनवरी 1935 को रात का टेम्परेचर रिकॉर्ड 0.6 डिग्री रहा था। वहीं, 26 जनवरी 2009 को दिन में तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। पिछले 10 में से 7 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा 2 इंच बारिश 6 जनवरी 2004 को हुई थी। वहीं, सर्वाधिक मासिक 3.8 इंच बारिश जनवरी 1948 को हुई थी। इंदौर में माइनस 1.1 डिग्री पहुंच चुका पारा
इंदौर में जनवरी में सर्दी का रिकॉर्ड माइनस में पहुंच चुका है। 16 जनवरी 1935 में पारा माइनस 1.1 डिग्री दर्ज किया गया था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 27 जनवरी 1990 को दिन का तापमान 33.9 डिग्री रहा था। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 6 जनवरी 1920 के नाम है। इस दिन 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, साल 1920 में सर्वाधिक मासिक बारिश 4 इंच दर्ज की गई थी। अबकी बार भी कड़ाके की ठंड पड़ने का अलर्ट है। ऐसे में पिछले साल का टेम्परेचर का रिकॉर्ड टूट सकता है। जबलपुर में 1946 में 1.1 डिग्री रहा पारा
जबलपुर में भी जनवरी में ठंड-बारिश का ट्रेंड है। इस महीने सबसे ज्यादा ठंड पड़ती है। 7 जनवरी 1946 को रात का पारा रिकॉर्ड 1.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था। वहीं, दिन का उच्चतम तापमान 33.4 डिग्री 7 जनवरी 1973 को रहा था। इस महीने बारिश भी होती है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 24 जनवरी 1919 को 2.5 इंच हुई थी। इसी साल पूरे महीने 8 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार मावठा गिरने का अनुमान है। उत्तरी हवा आने से ग्वालियर सबसे ठंडा
उत्तरी हवाओं की वजह से प्रदेश का ग्वालियर-चंबल सबसे ठंडा रहता है। जनवरी में यहां कड़ाके की ठंड का ट्रेंड है। पिछले 10 साल का रिकॉर्ड देखे तो 2018 में तापमान 1.9 डिग्री और 2019 में 2.4 डिग्री दर्ज किया गया था। 24 जनवरी 1954 को रात का तापमान माइनस 1.1 डिग्री रहा था। ग्वालियर में जनवरी में बारिश भी होती है। साल 2014 से 2024 के बीच 9 साल बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 8 जनवरी 1926 का है। इस दिन 2.1 इंच पानी गिरा था। वहीं, 1948 को कुल मासिक बारिश 3.1 इंच हुई थी। उज्जैन में जीरो डिग्री रह चुका पारा
उज्जैन में भी उत्तरी हवा का असर रहता है। इस वजह से यहां कड़ाके की ठंड पड़ती है। 22 जनवरी 1962 को पारा 0 डिग्री सेल्सियस रहा था। पिछले 10 साल में टेम्परेचर 2 से 5.8 डिग्री तक रह चुका है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश होने का रिकॉर्ड 11 जनवरी 1987 के नाम है। इस दिन सवा इंच पानी गिरा था। वहीं, सर्वाधिक कुल मासिक 2.2 इंच 1994 को हुई थी।